• NEW DELHI 24 Aug 2025, (अपडेटेड 25 Aug 2025, 6:33 AM IST)
भारतीय टीम 1986 एशिया कप खेलने के लिए श्रीलंका नहीं गई थी। इस टूर्नामेंट के फाइनल में श्रीलंका ने पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता था।
1984 एशिया कप ट्रॉफी के साथ सुनील गावस्कर और पूर्व पाक कप्तान इमरान खान। (Photo Credit: ICC/X)
एशिया कप की शुरुआत 1984 में हुई थी। वर्ल्ड कप की मेजबानी के लिए भारत ने पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ मिलकर इस टूर्नामेंट की नींव रखी। पहले संस्करण में टीम इंडिया ने सुनील गावस्कर की कप्तानी में खिताब जीता। हालांकि भारत ने अगले ही एशिया कप में हिस्सा नहीं लिया। एशिया कप का दूसरा संस्करण 1986 में श्रीलंका की मेजबानी में होना था, जिसका भारत ने बायकॉट किया। टीम इंडिया के नहीं खेलने से पाकिस्तान के पास पहली बार एशिया कप खिताब जीतने का मौका था लेकिन उसे फाइनल में हार का मुंह देखना पड़ा।
भारत ने 1986 एशिया कप में क्यों हिस्सा नहींलिया?
श्रीलंका में चल रहे गृहयुद्ध को देखते हुए भारत ने पड़ोसी देश में खेलने जाने से इनकार कर दिया। उस समय श्रीलंकाई सरकार और लिबरेशनटाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के बीच गृहयुद्ध (1983-2009) शुरुआती दौर में था। यह दौर काफी हिंसक था। लगातार हो रहे नरसंहार से देश में स्थिरता का माहौल था। भारत सरकार टीम इंडिया के खिलाड़ियों को खतरे में नहीं डालना चाहती थी। सरकार ने टीम को श्रीलंका भेजने से मना कर दिया।
1986 एशिया कप में भारतीय टीम के नहीं खेलने का दूसरा कारण श्रीलंका क्रिकेट (SLC) से खराब संबंध को माना जाता है। इस टूर्नामेंट से एक साल पहले टीम इंडिया ने श्रीलंका का दौरा किया था। यह दौरा भारतीय टीम की कलह और खराब अंपायरिंग के कारण विवादों में रहा। श्रीलंकाईअंपायरों ने भारतीय खिलाड़ियों को गलत आउट दिए थे। खासकर तमिलनाडु के कृष्णमाचारीश्रीकांत के खिलाफ कई फैसले विवादास्पद रहे। अंपायरों ने श्रीकांत से बदतमीजी भी की थी, जिसके बाद काफी बवाल हुआ था।
1986 एशिया कप में मेजबान श्रीलंका के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश ने हिस्सा लिया। यह टूर्नामेंट 30 मार्च से 6 अप्रैल तक चला। भारत के नहीं खेलने के फैसले के बाद आयोजकों ने टूर्नामेंट में बांग्लादेश को एंट्री दी थी। बांग्लादेश की टीम ने 1986 एशिया कप के दौरान ही अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला। इस टूर्नामेंट में टक्कर सिर्फ पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच थी। टूर्नामेंट रॉउंडरॉबिनफॉर्मेट में हुआ यानी तीनों टीमों ने एक-दूसरे से एक-एक मैच खेले। इमरान खान की कप्तानी वाली पाकिस्तान टीम ने अपने दोनों मैच जीतकर शान से फाइनल में एंट्री ली। दूसरी ओर श्रीलंका ने बांग्लादेश को हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई।
श्रीलंका के पूर्व कप्तान दलीप मेंडिस। (Photo Credit: ICC/X)
ऐसा रहा 1986 एशिया कप का फाइनल
श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच फाइनल मुकाबला कोलंबो के सिंहलीस्पोर्ट्सक्लबग्राउंड पर खेला गया। मेजबान टीम के कप्तान दलीपमेंडिस ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को पहले बैटिंग करने के लिए कहा। पाकिस्तान ने निर्धारित 45 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 191 रन बनाए। जावेदमियांदाद ने सबसे ज्यादा 67 रन का योगदान दिया। आठवें नंबर पर उतरे अब्दुल कादिर ने 19 गेंद में 1 चौके और 2 छक्कों की मदद से 30 रन की तेज पारी खेल पाकिस्तान को लड़ने लायक स्कोर तक पहुंचाया। हालांकि उनकी कोशिश बेकार चली गई।
श्रीलंका ने 192 रन का टारगेट 16 गेंद शेष रहते 5 विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया। अरविंद डिसिल्वा (52) और अर्जुन राणातुंगा (57) ने अर्धशतकीय पारी खेल श्रीलंका को चैंपियन बना दिया। अपनी कप्तानी में श्रीलंका को पहला एशिया कप खिताब जिताने वाले दलीपमेंडिस इस बार के एशिया कप में भी नजर आने वाले हैं। वह ओमान टीम के कोच हैं। ओमान की टीम पहली बार एशिया कप में भाग लेने वाली है।