भारत के लिए एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में चौथा दिन खास रहा। भारतीय एथलीट्स ने शुक्रवार (30 मई) को गोल्डन हैट्रिक लगाकर कुल 4 मेडल अपने नाम किए। इसके साथ ही इस चैंपियनशिप में भारत के मेडल की संख्या 18 हो गई है, जिसमें 8 गोल्ड, 7 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज शामिल हैं। भारत ने 2023 सीजन में 27 मेडल जीते थे लेकिन इसमें गोल्ड मेडल्स की संख्या महज 6 ही थी।
गुलवीर सिंह ने तोड़ा रिकॉर्ड
लंबी दूरी के धावक गुलवीर सिंह ने मेंस 5000 मीटर इवेंट के फाइनल में एक दशक पुराना मीट रिकॉर्ड तोड़कर गोल्ड पर कब्जा जमाया। एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में उनका यह दूसरा गोल्ड रहा। इसके साथ ही उन्होंने लंबी दूरी की दौड़ के भारत के महान खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज करा लिया। गुलवीर ने इससे पहले कम्पटीशन के शुरुआती दिन 10,000 मीटर इवेंट में 28 मिनट 38.63 सेकंड के समय के साथ गोल्ड मेडल जीता था।
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नेशनल रिकॉर्ड होल्डर गुलवीर ने 13 मिनट 24.77 सेकेंड का समय निकालकर थाईलैंड के कीरन टुनटिवेट को पीछे छोड़ा जो 13 मिनट 24.97 सेकेंड के साथ दूसरे स्थान पर रहे। जापान के नागिया मोरी ने 13 मिनट 25.06 सेकेंड के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता। पिछला चैंपियनशिप रिकॉर्ड कतर के मोहम्मद अल-गर्नी के नाम था। अल-गर्नी ने 2015 सीजन में 13 मिनट 34.47 का समय निकाला था।
गुलवीर इस रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन के साथ महाद्वीपीय कम्पटीशन में मेंस 5000 मीटर इवेंट में गोल्ड जीतने वाले भारतीय खिलाड़ियों के एलीट समूह में शामिल हो गए। इससे पहले गोपाल सैनी (1981), बहादुर प्रसाद (1993), और जी लक्ष्मणन (2017) ने इस इवेंट में गोल्ड मेडल जीते हैं। गुलवीर ने लक्ष्मणन की बराबरी की जिन्होंने एक ही सीजन में दोनों खिताब जीते थे। उत्तर प्रदेश के अतरौली के रहने वाले 26 वर्षीय गुलवीर ने 2023 सीजन में भी ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था।
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पूजा और नंदिनी ने दिलाया गोल्ड
भारत को पूजा ने ऊंची कूद में गोल्ड मेडल के साथ बड़ी सफलता दिलायी। इस 18 साल की खिलाड़ी ने अपने अंतिम से पहले प्रयास में 1.89 मीटर की छलांग के साथ उज्बेकिस्तान की सफीना सादुल्लाएवा (1.86 मीटर) को पछाड़ा। हरियाणा की इस खिलाड़ी के पिता एक श्रमिक हैं। पूजा ने इससे पहले 2023 में एशियन अंडर-23 चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
उधर नंदिनी अगासारा ने हेप्टाथलॉन में गोल्ड जीता। नंदिनी एशियन चैंपियनशीप में गोल्ड जीतने वाली केवल तीसरी भारतीय हेप्टाथलीट बनीं। इससे पहले स्वप्ना बर्मन (2017) और सोमा बिस्वास (2005) ने इस इवेंट में शीर्ष स्थान हासिल किए थे। नंदिनी ने 5941 अंक जुटाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। वह जैवलिन थ्रो में महज 34.18 मीटर की दूरी तय करने के बाद चीन की लियू जिंगी से पिछड़ गयी थीं लेकिन उन्होंने 800 मीटर दौड़ को जीतकर मजबूत वापसी की। जिंगी ने 5869 अंकों के साथ सिल्वर मेडल जीता।
पारुल चौधरी को सिल्वर मेडल से करना पड़ा संतोष
विमेंस 3000 मीटर स्टीपलचेज में हालांकि भारत को थोड़ी निराशा हुई, जहां गत चैंपियन पारुल चौधरी को सिल्वर से संतोष करना पड़ा। पारुल ने नौ मिनट 12.46 सेकेंड का समय लिया और कजाकिस्तान की नोरा जेरुतो तनुई (नौ मिनट 10.46 सेकेंड) से पिछड़ गईं। ब्रॉन्ज मेडल भी कजाखस्तान की डेजी जेपकेमी (नौ मिनट 27.51 सेकेंड) के खाते में गया।