भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT 2024-25) का आखिरी टेस्ट सिडनी में खेला गया। इस मुकाबले के तीसरे दिन (5 जनवरी) ऑस्ट्रेलिया ने 6 विकेट से जीत दर्ज की। कंगारू टीम ने इसके साथ ही 5 टेस्ट मैचों की सीरीज 3-1 से जीत ली। इसके बाद पुरस्कार वितरण समारोह हुआ, जिसमें एलन बॉर्डर ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को विजेता ट्रॉफी सौंपी। सुनील गावस्कर भी मैदान पर मौजूद थे लेकिन उन्हें इस समारोह में नहीं बुलाया गया। इस पर गावस्कर ने नाराजगी जताई थी।
टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कोड स्पोर्ट्स से कहा, 'मुझे पुरस्कार वितरण समारोह में जाकर खुशी होती। आखिरकार यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी है। जो कि ऑस्ट्रेलिया तथा भारत से जुड़ी है। मैं मैदान पर ही था। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया को दी जा रही थी। उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला और जीते। ठीक है। सिर्फ इसलिए कि मैं एक भारतीय हूं। अपने अच्छे दोस्त एलन बॉर्डर के साथ ट्रॉफी प्रदान करके मुझे खुशी होती।'
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपनी सफाई में क्या कहा?
गावस्कर को पुरस्कार वितरण समारोह में नहीं बुलाए जाने पर विवाद बढ़ता देख क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपनी स्वीकार की। ऑस्ट्रेलियन बोर्ड अपने बयान में कहा, 'गावस्कर को पता था कि अगर भारतीय टीम सिडनी टेस्ट जीत जाती और ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखती तो वे भारतीय कप्तान जसप्रीत बुमराह को पुरस्कार प्रदान करते। हम मानते हैं कि अगर एलन बॉर्डर और सुनील गावस्कर दोनों मंच पर होते तो यह बेहतर होता।'
बॉर्डर-गावस्कर के नाम पर खेली जाती है BGT
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज को 1996 में एलन बॉर्डर और सुनील गावस्कर के नाम पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) रखा गया था। जब सीरीज का नामकरण हुआ, तब करीब 2 हजार से ज्यादा खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेल चुके थे लेकिन एलन बॉर्डर और सुनील गावस्कर ही दो ऐसे बल्लेबाज थे जिनके नाम 10 हजार से अधिक टेस्ट रन थे। इसी वजह से भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज का नाम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रखा गया।