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जब श्रीलंका की बारिश में धुला फाइनल, भारत को बांटनी पड़ी ट्रॉफी

चैंपियंस ट्रॉफी 2002 के फाइनल का परिणाम नहीं निकल सका था। लगातार दो दिन की बारिश में खिताबी मुकाबला धुल गया था जिसके बाद ट्रॉफी भारत और श्रीलंका के बीच बंटी।

Champions Trophy 2002

चैंपियंस ट्रॉफी के साथ सौरव गांगुली और सनथ जयसूर्या। (Photo Credit: ICC/X

साल 2002। चैंपियंस ट्रॉफी का कारवां बांग्लादेश और केन्या से होते हुए श्रीलंका पहुंचा। सौरव गांगुली की कप्तानी में विजयी पताका फहराते हुए भारतीय टीम ने फाइनल में जगह बनाई, जहां उसका सामना मेजबान टीम से हुआ। दो साल पहले खिताबी मुकाबले में न्यूजीलैंड से मिली हार को भुलाकर टीम इंडिया ट्रॉफी जीतने के लिए बेरकरार थी लेकिन इस बार उसे मौसम ने दगा दे दिया। 

 

29 सितंबर को खेला गया फाइनल बारिश की भेंट चढ़ गया। सनथ जयसूर्या की अगुवाई वाली श्रीलंकाई टीम ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 244 रन बनाए थे। इसके जवाब में भारत ने दो ओवर में बिना कोई विकेट गंवाए 14 रन बटोर लिए थे। इसके बाद बादल बरसने और खेल नहीं हो सका। ऐसे में मुकाबला रिजर्ड डे (30 सितंबर) पर फिर से शुरू हुआ।

 

भारत को शेयर करनी पड़ी ट्रॉफी

 

कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में श्रीलंका ने एक बार फिर टॉस जीता और बोर्ड पर 7 विकेट गंवाकर 222 रन लगाए। यह स्कोर भी अच्छा माना जा रहा था, क्योंकि पिच हर गुजरते ओवर के साथ धीमी होती जा रही थी। 223 रन के टारगेट पीछा करते हुए भारतीय टीम ने तीसरे ही ओवर में नयन मोंगिया का विकेट गंवा दिया। उन्हें वीरेंद्र सहवाग के साथ ओपनिंग करने के लिए भेजा गया था लेकिन गांगुली का यह दांव नहीं चला। अब क्रीज पर सचिन तेंदुलकर का आगमन हुआ।

 

सचिन और सहवाग धीरे-धीरे भारतीय पारी को आगे बढ़ाने लगे। आठवें ओवर की पहली गेंद पर सहवाग ने चौका लगाया और फिर दो गेंद बाद छक्का जड़ दिया। सहवाग लय पकड़ चुके थे। भारत का स्कोर छलांग लगाकर 38 रन पर पहुंच गया था लेकिन तभी ऐसी बारिश शुरू हुई कि खिलाड़ियों को मैदान पर वापस आने का मौका ही नहीं मिला। रिजर्व डे पर भी खिताबी मुकाबले का नतीजा नहीं निकल सका। अंत में भारत और श्रीलंका को संयुक्त रूप से विजेता घोषित कर दिया गया।

 

 

4 ग्रुप में बांटी गई थीं 12 टीमें

 

तीसरे एडिशन में जाकर इस टूर्नामेंट को सही नाम मिला- चैंपियंस ट्रॉफी। 2002 में टीमों की संख्या 12 कर दी गई थी, जिन्हें 3-3 की संख्या में 4 ग्रुप में बांटा गया था। भारत, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया की टीमें अपने-अपने ग्रुप में टॉपर रहते हुए सेमीफाइनल में पहुंचीं। पहला सेमीफाइनल भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया, जिसे टीम इंडिया ने 10 रन के करीबी अंतर से जीता। दूसरे सेमीफाइनल में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को 7 विकेट से रौंदकर फाइनल में प्रवेश किया। मगर मानसून की बारिश के कारण क्लीयर विनर का फैसला नहीं हो सका।

 

यह भी पढ़ें: कहानी चैंपियंस ट्रॉफी के दूसरे एडिशन की, जब न्यूजीलैंड ने रचा इतिहास

 

तीसरे एडिशन में इन टीमों ने लिया हिस्सा

  1. भारत
  2. श्रीलंका
  3. साउथ अफ्रीका
  4. ऑस्ट्रेलिया
  5. इंग्लैंड
  6. पाकिस्तान
  7. वेस्टइंडीज
  8. न्यूजीलैंड
  9. जिम्बाब्वे
  10. केन्या
  11. बांग्लादेश
  12. नीदरलैंड्स

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