भारतीय चेस स्टार दिव्या देशमुख ने इतिहास रच दिया है। 19 साल की दिव्या ने FIDE महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बना ली है। उन्होंने बुधवार (23 जुलाई) को जॉर्जिया के बटुमी में खेले जा रहे इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल के दूसरे गेम में चीन की टैन झोंगई को मात दी।
दिव्या देशमुख और टैन झोंगई के बीच मंगलवार को सेमीफाइनल की पहली बाजी ड्रॉ रही थी। दिव्या ने दूसरे गेम में टैन झोंगई पर शानदार जीत दर्ज कर 1.5-0.5 के स्कोर के साथ शान से फाइनल में एंट्री ली। इसके साथ ही 19 साल की दिव्या FIDE महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बनीं।
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दिव्या ने छोटी उम्र में हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि
नागपुर की रहने वाली दिव्या ने इस जीत के साथ अगले साल होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट का टिकट कटाया और साथ ही अपना पहला ग्रैंड मास्टर नॉर्म भी हासिल किया। डॉक्टर्स की फैमिली में जन्मीं दिव्या 5 साल की उम्र में ही चेस खेल रही हैं। पिछले महीने उन्होंने FIDE वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चेस चैंपियनशिप के सेमीफाइनल के दूसरे चरण में चिन की दिग्गज प्लेयर होउ यिफान को हराया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की थी।
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दो भारतीय खिलाड़ियों के बीच होगा फाइनल?
FIDE महिला वर्ल्ड कप के दूसरे सेमीफाइनल में भारत नंबर-1 चेस खिलाड़ी कोनेरू हम्पी और चीन की लेई टिंगजी की जबरदस्त टक्कर हो रही है। कोनेरू हम्पी और लेई टिंगजी के बीच लगातार दो बाजियां ड्रॉ रहीं। अब टाई-ब्रेकर से दूसरी फाइनलिस्ट का फैसला होगा। अगर कोनेरू हम्पी गुरुवार (24 जुलाई) को होने वाले टाई-ब्रेकर में अपनी चीनी प्रतिद्वंद्वी को हराती हैं तो फाइनल में दो भारतीय स्टार्स आमने-सामने होंगी, जो देश के लिए गर्व का पल होगा।