रणजी ट्रॉफी 2024-25 सीजन का फाइनल केरल और विदर्भ के बीच 26 फरवरी को शुरू हुआ। नागपुर में खेले जा रहे इस खिताबी मुकाबले में विदर्भ ने पहली पारी की अहम बढ़त हासिल कर ली है। पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाए जाने पर विदर्भ ने 379 रन बनाए। इसके जवाब में केरल की टीम ने एक समय 6 विकेट के नुकसान पर 324 रन बना लिए थे। केरल को ट्रॉफी पर पहला हाथ रखने के लिए 56 रन की जरूरत थी लेकिन अचानक उसकी पारी बिखर गई और पूरी टीम 342 रन पर ही ढेर हो गई।
पहली पारी में बढ़त लेने का मौका गंवाने के बाद अब केरल के खिताब जीतने की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं। मुकाबले में दो दिन का खेल बचा है और अगर वे विदर्भ की दूसरी पारी जल्दी समेट देते हैं तो उनके लिए फिर से सुनहरा मौका बन सकता है। हालांकि इसके लिए केरल को अपने गेंदबाजों से चमत्कारिक प्रदर्शन की उम्मीद करनी होगी, क्योंकि विदर्भ की बैटिंग लाइन-अप बेहद मजबूत है।
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19 साल के गेंदबाज से केरल को आस
दूसरी पारी में विदर्भ को छोटे स्कोर पर रोकने के लिए केरल की नजरें एधन एपल टॉम पर होगी। 19 साल के तेज गेंदबाज ने पहली पारी में विदर्भ को 3 बड़े झटके दिए थे। एधन ने ध्रुव शौरी, यश राठौड़ और कप्तान अक्षय वाडकर जैसे बल्लेबाजों का विकेट झटका था। दाएं हाथ का यह युवा तेज गेंदबाज इस रणजी सीजन का पहला मुकाबला खेल रहा है और वो भी सीधे फाइनल में, लेकिन फिर भी बेहतरीन लय में दिखा है।
रणजी डेब्यू की पहली ही गेंद पर झटका विकेट
एधन एपल टॉम ने 2022 में 16 साल की उम्र में रणजी डेब्यू किया था। मेघालय के खिलाफ अपने रणजी करियर की शुरुआत करते हुए उन्होंने पहली ही गेंद पर विकेट चटका दिया था। इतना ही नहीं एधन ने दूसरी पारी में भी पहली ही गेंद पर विकेट झटक लिया। उन्होंने कुल 6 विकेट हासिल किए और डेब्यू मैच में प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए। हालांकि अगले मैच के बाद पीठ में स्ट्रेस फ्रैक्चर के चलते उन्हें पूरे सीजन से बाहर होना पड़ा। अब चोट से वापसी करते हुए उन्होंने शानदार गेंदबाजी की है।
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ये है अनोखे नाम का राज
एधन ने 2022 में बीसीसीआई को दिए इंटरव्यू में अपने अनोखे नाम की कहानी बताई थी। उन्होंने कहा था, 'यह नाम मुझे मेरे पिताजी से मिला। मेरे दादाजी ने पिताजी का नाम एपल टॉम रखा था। उन्होंने यह नाम इसलिए रखा था क्योंकि उन्हें क्रिएटीव नाम पसंद थे। इसके बाद मेरा नाम एधन एपल टॉम पड़ा।'
दुबई में की ट्रेनिंग फिर भारत लौटे
एधन छोटी उम्र में ही अपने पिता एपल के साथ दुबई चले गए थे। उनके पिता एयरपोर्ट पर नौकरी करते थे। एधन जब 8-9 साल के रहे होंगे, तब उन्होंने दुबई में सोनी चेरुवथूर की क्रिकेट एकेडमी में ट्रेनिंग करनी शुरू कर दी। चेरुवथूर केरल के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं। उन्होंने एधन के टैलेंट को निखारा और उन्हें भारत वापस जाकर अपने क्रिकेटर करियर को बेहतर बनाने की सलाह दी। एधन ने चेरुवथूर की बात मानी और 2018 में तिरुवनंतपुरम लौट आए।
2022 में रणजी सीजन की तैयारी के लिए लगे कैंप में उन पर केरल के तत्कालीन कोच और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज टीनू योहानन की नजर पड़ी। नेट्स में एधन की गेंदबाजी देखकर योहानन ने उन्हें रणजी टीम में शामिल कर लिया।