फुटबॉल जगत में इस फीफा क्लब वर्ल्ड कप की धूम है। 14 जून से अमेरिका में शुरू हुआ यह टूर्नामेंट नॉकआउट स्टेज में पहुंच गया है। फीफा क्लब वर्ल्ड कप की शुरुआत साल 2000 में हुई थी। इसे पहले फीफा क्लब वर्ल्ड चैंपियनशिप कहा जाता था। 2006 में इसका नाम बदलकर फीफा क्लब वर्ल्ड कप कर दिया गया।
2023 तक यह टूर्नामेंट हर साल आयोजित होता रहा, जिसमें 6-8 टीमें भाग लेती थीं। फीफा ने क्लब वर्ल्ड कप को रोमांचक बनाने के लिए इसके फॉर्मेट और नियम में बदलाव किए हैं। अब से इस टूर्नामेंट का आयोजन 4 साल पर होगा। साथ ही टीमों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। फीफा वर्ल्ड कप 2025 के लिए 32 टीमें मैदान में उतरी थीं। आइए जानते हैं इन टीमों ने कैसे क्वालिफाई किया था।
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टीमों को चुनने के लिए यह थी प्रक्रिया
फीफा क्लब वर्ल्ड कप 2025 के लिए दुनिया की छह फुटबॉल फेडरेशन से 32 टीमों को 2021 से 2024 के बीच उनके प्रदर्शन के आधार पर चुना गया था। सबसे पहले पिछले 3 साल में कॉन्टिनेंटल कम्पटीशन जीतने वाले टीमों को सीधे एंट्री दी गई। इसके बाद हर कन्फेडरेशन में अलग-अलग समय में बेस्ट प्रदर्शन करने वाली टीमों ने रैंकिंग के आधार पर क्वालिफाई किया।
इंटर मियामी को मेजबान देश की टीम के रूप में खेलने का मौका मिला। दुनिया के दिग्गज फुटबॉलर लियोनेल मेसी इसी क्लब से खेलते हैं।
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यूरोप को मिले सबसे ज्यादा स्लॉट
फीफा क्लब वर्ल्ड कप के लिए यूनियन ऑफ यूरोप फुटबॉल एसोसिएशन्स (UEFA) को सबसे ज्यादा 12 स्लॉट मिले थे। यानी यूरोप से 12 टीमों ने क्वालिफाई किया। वहीं साउथ अमेरिका से 6 टीमों को एंट्री मिली, जबकि एशियन फुटबॉल कॉन्फेडरेशन (AFC) के पास 4 स्लॉट थे। ओशिनिया फुटबॉल कॉन्फेडरेशन को 1 ही स्लॉट मिले थे, जिससे ऑकलैंड सीटी टीम ने क्वालिफाई किया।
एशिया से कौन सी टीमें फीफा क्लब वर्ल्ड कप में पहुंचीं?
एशिया से अल हिलाल, उरावा रेड डायमंड्स, अल ऐन और उल्सान HD ने फीफा क्लब वर्ल्ड कप के लिए टिकट कटाया। सऊदी अरब की क्लब अल हिलाल ने 2021 AFC चैंपियनशिप जीता था। उरावा रेड डायमंड्स (जापान) ने 2022 जबकि अल ऐन (UAE) ने 2023-24 का AFC चैंपियनशिप अपने नाम किया। कॉन्टिनेंटल कम्पटीशन जीतने के आधार पर इन तीनों टीमों को एंट्री मिली, जबकि साउथ कोरिया की उल्सान HD पिछले 4 साल की रैंकिंग में एशिया की बेस्ट टीम थी।