भारत और इंग्लैंड के बीच पुणे में खेले गए चौथे टी20 मैच में हर्षित राणा ने धांसू प्रदर्शन किया। टॉस के समय हर्षित टीम इंडिया की प्लेइंग-XI का हिस्सा नहीं थे। आधा मैच बीतने के बाद उन्हें अचानक मैदान पर उतारा गया। दरअसल, भारतीय पारी के दौरान ऑलराउंडर शिवम दुबे के हेलमेट पर गेंद लग गई थी। ऐसे में वह फील्डिंग के लिए नहीं आए। उनके कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में हर्षित राणा को खिलाया गया।
इस तरह हर्षित को टी20 इंटनरेशनल में डेब्यू करने का मौका मिला। उन्होंने इसे भुनाते हुए 3 विकेट लेकर भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। हर्षित ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में कन्कशन सब्स्टीट्यूट के मास्टरमाइंड का खुलासा किया।
कन्कशन सब्स्टीट्यूट का मास्टरमाइंड कौन?
हर्षित राणा ने कहा, 'यह मेरे लिए अभी भी एक ड्रीम डेब्यू है। जब दुबे भाई वापस (डगआउट में) आए, तो दो ओवर के बाद सर (गंभीर) ने मुझे बताया कि मैं कन्कशन सब्स्टीट्यूट बनूंगा। यह सिर्फ इस सीरीज के लिए नहीं है, मैं लंबे समय से एक मौके का इंतजार कर रहा था और मैं साबित करना चाहता था कि मैं इसका हकदार हूं। मैंने आईपीएल में अच्छी गेंदबाजी की है और यहां मैं उसी अनुभव का फायदा उठाना चाहता हूं।'
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हर्षित के खेलने पर मचा बवाल
हर्षित राणा को शिवम दुबे के रिप्लेसमेंट के रूप में उतारने पर विवाद हो रहा है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन और केविन पीटरसन ने इस मामले पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि शिवम दुबे के कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर हर्षित राणा को उतारना कहीं से भी सही नहीं है।
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने शर्त रखी है कि कन्कशन सब्स्टीट्यूट 'लाइक फॉर लाइक' होना चाहिए। यानी जिस खिलाड़ी को चोट लगी है, वैसे ही खिलाड़ी को मैदान पर उतारना होगा। बल्लेबाज के बदले बल्लेबाज, गेंदबाज के बदले गेंदबाज और ऑलराउंडर के बदले ऑलराउंडर ही खेल सकता है।