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ग्रैंड स्लैम में कैसे क्वालिफाई करते हैं टेनिस खिलाड़ी?

टेनिस खेलने वाले हर जूनियर और प्रोफेशनल प्लेयर का अल्टीमेट गोल ग्रैंड स्लैम होता है। यहां कैसे पहुंचा जा सकता है? सब कुछ जानिए।

Novak Djokovic

नोवाक जोकोविच। (Photo Credit: Australian Open/X)

दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक टेनिस में चार ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट होते हैं। ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन, विंबलडन और यूएस ओपन टेनिस के सबसे बड़े इवेंट हैं। साल की शुरुआत में सबसे पहले ऑस्ट्रेलियन ओपन का आयोजन होता है और सबसे आखिर में यूएस ओपन खेला जाता है। टेनिस कैलेंडर का पहला ग्रैंड स्लैम यानी ऑस्ट्रेलियन ओपन का आगाज हो चुका है। टूर्नामेंट के दूसरे दिन (13 जनवरी) वर्ल्ड नंबर-1 जैनिक सिनर, नोवाक जोकोविच और कार्लोस आल्काराज जैसे स्टार खिलाड़ी एक्शन में दिखेंगे। ऑस्ट्रेलियन ओपन का फाइनल मुकाबला 26 जनवरी को खेला जाएगा। खिताब विजेता को लगभग 18.5 करोड़ रुपए मिलेंगे।

 

पहले राउंड में बाहर होने वाले खिलाड़ी भी लाखों रुपए के साथ लौटेंगे। हालांकि बेहद कम खिलाड़ियों को ही यह मौका मिल पाता है। किसी ग्रैंड स्लैम के मेन ड्रॉ में जगह पाना आसान नहीं होता। आइए जानते हैं कि टेनिस प्लेयर अपने अल्टीमेट गोल यानी ग्रैंड स्लैम के लिए के लिए कैसे क्वालिफाई करते हैं। 

 

3 तरीके से क्वालिफाई करते हैं खिलाड़ी

 

ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के मेन ड्रॉ में 128 खिलाड़ी खेलते हैं। इनमें से 104 रैंकिंग के आधार पर जबकि 16 क्वालिफाइंग राउंड से जगह बनाते हैं। वहीं 8 खिलाड़ियों की वाइल्ड कार्ड एंट्री होती है। इन तीनों तरीकों को थोड़ा डिटेल में जानिए।

 

1. रैंकिंग

  • मेन ड्रॉ में जगह बनाने के लिए वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप 104 में रहने की जरूरत नहीं बल्कि टूर्नामेंट के लिए साइन अप करने वाले टॉप 104 खिलाड़ियों में से एक होना जरूरी है।
  • चोट और अन्या कारणों से आमतौर पर काफी खिलाड़ी नहीं खेलते हैं। ऐसे में वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप 104 से बाहर वाले खिलाड़ियों को मौका मिल जाता है।
  • मान लीजिए दुनिया के 15वें, 52वें और 79वें नंबर का खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम के लिए साइन अप नहीं करता है तो 105, 106 और 107 नंबर का खिलाड़ी सीधे मेन ड्रॉ के लिए क्वालिफाई कर जाएगा।
  • चोट के कारण अगर कोई खिलाड़ी 6 महीने से ज्यादा समय तक खेल से दूर रहता है तो वह 'प्रोटेक्टेड रैंकिंग' के साथ मेन ड्रॉ में जगह बना सकता है।
  • ब्रिटेन के एंडी मरे चोट के कारण ब्रेक पर जाने से पहले वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर 2 पर थे। 2019 ऑस्ट्रेलियन ओपन में उन्होंने प्रोटेक्टेड रैंकिंग नंबर 2 का उपयोग करके मेन ड्रॉ में एंट्री ले ली।

2. क्वालिफाइंग

  • इसमें 128 खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। इन 128 खिलाड़ियों में से 16 ही मेन ड्रॉ में पहुंच पाते हैं।
  • क्वालिफाइंग राउंड में लगातार 3 जीत के बाद मेन ड्रॉ में एंट्री मिलती है।
  • 2023 ऑस्ट्रेलियन ओपन में भारत के सुमित नागल ने क्वालिफाइंग राउंड खेलकर मेन ड्रॉ में जगह बनाई थी। इसके बाद सुमित ने पहले राउंड में जीत भी दर्ज की थी।
  • क्वालिफाइंग राउंड से गुजरते हुए ग्रैंड स्लैम जीतना एवरेस्ट चढ़ने के समान माना जाता है क्योंकि इसके लिए लगातार 10 मैचों में बाजी मारनी होगी।
  • 2021 यूएस ओपन में ब्रिटेन की एम्मा राडुकानू ने इस असंभव को संभव कर दिखाया था। एम्मा राडुकानू ने क्वालिफाइंग राउंड खेलकर खिताब जीता था।

 

3. वाइल्ड कार्ड

  • ग्रैंड स्लैम के मेन ड्रॉ में 8 खिलाड़ियों की एंट्री वाइल्ड कार्ड के जरिए होती है। इसे टूर्नामेंट के आयोजक स्थानीय खिलाड़ियों और इमर्जिंग खिलाड़ियों को देते हैं।
  • भारतीय टेनिस स्टार सुमित नागल को 2021 ऑस्ट्रेलियन ओपन में वाइल्ड कार्ड एंट्री मिली थी।
  • चोट के बाद वापसी कर रहे कुछ स्टार खिलाड़ियों को भी वाइल्ड कार्ड दिया जाता है। ग्रैंड स्लैम में वाइल्ड कार्ड की अदल-बदली भी आम बात है।
  • ऑस्ट्रेलियन ओपन एक अमेरिकी खिलाड़ी को वाइल्ड कार्ड देता है, जबकि यूएस ओपन एक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को वाइल्ड कार्ड देता है। 

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