बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच के पहले दिन 60 रन की धुआंधार पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया के युवा सलामी बल्लेबाज सैम कोन्सटास सुर्खियों में आ गए हैं। कोन्सटास की यह पहली ही टेस्ट पारी थी और उन्होंने जसप्रीत बुमराह जैसे खतरनाक पेसर को साधारण गेंदबाज की तरह मैदान के चारों ओर मारा। मेलबर्न क्रिकेट बोर्ड (MCG) में मौजूद 87 हजार से ज्यादा दर्शक उस समय स्तब्ध रह गए जब कोन्सटास ने बुमराह के खिलाफ रिवर्स स्कूप पर छक्का जड़ दिया। इससे पहले टेस्ट क्रिकेट में बुमराह की गेंद पर आखिरी बार 2021 में किसी बल्लेबाज ने छक्का लगाया था।
कोन्सटास ने अपनी ताबड़तोड़ पारी में 5 चौके और 2 छक्के छक्के लगाए। इनमें से एक चौके को छोड़कर सभी बाउंड्रीज बुमराह की गेंदों पर आईं। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में अब तक बेहतरीन लय में दिखे जसप्रीत बुमराह की इस तरह धुनाई करने वाले सैम कोन्सटास के हिम्मत की तारीफ करते एक्सपर्ट्स नहीं थक रहे हैं।
आमतौर पर जब सलामी जोड़ी क्रीज पर पहुंचती है तो सीनियर पार्टनर स्ट्राइक लेता है, लेकिन टेस्ट डेब्यू कर रहे कोन्सटास ने उस्मान ख्वाजा से कहा, 'मैं पहली गेंद खेलना चाहता हूं।' आखिरी एक 19 साल का यह लड़का तेज गेंदबाजी से डरता क्यों नहीं है। इसके पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है।
पिता की गलती ने बनाया निडर
सैम कोन्सटास के भाई बिली ने फॉक्स क्रिकेट से बात करते हुए खुलासा किया कि उनके पिता की गलती ने उनके छोटे भाई को तेज गेंदबाजी का डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार कर दिया था। बिली ने कहा, 'हम बच्चे थे और पहली बार जब पिताजी हमें 'बॉलिंग मशीन' के पास ले गए तो उन्होंने इसे 90 मील प्रति घंटे की रफ्तार पर रख दिया क्योंकि उन्हें लगा कि यह 90 किलोमीटर है। पिताजी ने मशीन शुरू की और उसने गेंद पर सीधे शॉट मार दिया।'
कोन्सटास ने कहा था कि मैं रन बनाऊंगा
बिली ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि पांच या छह साल की उम्र से यह हमेशा उसका सपना रहा है। यह पूरे परिवार के लिए एक सपने के सच होने जैसा है और मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं। मैं पेशे से एक फिजियोथेरेपिस्ट हूं। मैंने उससे पूछा कि कल तुम कितने रन बनाओगे? तो उसने मुझसे कहा कि चिंता मत कीजिए मैं कुछ रन बनाऊंगा। वह बहुत शांत लग रहा था।' कोंस्टास जहां मैदान पर सहज लग रहे थे और नई गेंद के खिलाफ भारतीय तेज गेंदबाजों का आसानी से सामना कर रहे थे वहीं उनका परिवार बहुत नर्वस था।