भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट में यशस्वी जायवसाल के विकेट के बाद बवाल मचा हुआ है। मुकाबले के पांचवें दिन (30 दिसंबर) भारतीय टीम ने 340 रन के टारगेट का पीछा करते हुए 130 रन पर 6 विकेट गंवा दिए थे। सभी बड़े धुरंधर बल्लेबाजों के आउट होने के बाद अब युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी से उम्मीद थी कि वह मैच को ड्रॉ करा दें।
23 साल के यशस्वी खूंटा गाड़कर खेल रहे थे। वह 207 गेंद में 84 रन बना चुके थे और शतक की ओर बढ़ रहे थे। तभी टीवी अंपायर के विवादित फैसले ने उनकी पारी खत्म कर दी। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस की गेंद पर यशस्वी के खिलाफ विकेट के पीछे कैच की अपील हुई थी। मैदानी अंपायर ने यशस्वी को आउट नहीं दिया था। ऐसे में ऑस्ट्रेलिय ने डीआरएस की मांग की, जिसके बाद टीवी अंपायर शरफुदौल्ला ने मैदानी अंपायर के फैसले को पलट दिया। हालांकि शरफुद्दौला पूरी तरह से आश्वसत नहीं थे। उन्होंने डिफ्लेक्शन के आधार पर यशस्वी को आउट दिया। उनके इस फैसले से सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है।
स्निको मीटर पर नहीं दिखा कुछ
मामला भारतीय पारी के 71वें ओवर का है। पैट कमिंस की लेग स्टंप की लाइन में पटकी हुई गेंद को यशस्वी पुल करना चाहते थे, लेकिन सफल नहीं हो पाए। गेंद उनके ग्लव्स के काफी करीब से निकली और विकेटकीपर एलेक्स कैरी के पास चली गई। कैरी ने आगे की ओर डाइव लगाकर गेंद को पकड़ा। मैदानी अंपायर के आउट नहीं देने पर ऑस्ट्रेलियाई टीम टीवी अंपायर के पास गई। कमिंस का मानना था कि यशस्वी आउट हुए हैं, लेकिन रिप्ले में साफ दिखा कि उनके ग्लव्स और बैट के पास से जब गेंद गुजर रही थी, तब स्निको मीटर पर कोई हरकत नहीं थी।
टीवी अंपायर शरफुद्दौला के पास यशस्वी को आउट देने के लिए पुख्ता सबूत नहीं थे। फिर भी उन्होंने मैदानी अंपायर के फैसले को पलट दिया। यशस्वी को पूरा यकीन था कि वह नॉटआउट हैं। टीवी अंपायर के फैसले के बाद उन्होंने मैदानी अंपायरों से बहस भी की। सुनील गावस्कर ने भी कॉमेंट्री के दौरान शरफुद्दौला के फैसले पर भड़कते हुए काफी कुछ कहा।