भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट की पहली पारी में गजब का जज्बा दिखाया। पंत ने टूटे पैर के साथ बल्लेबाजी की और टीम इंडिया के लिए बहुमूल्य रन जुटाए। पंत मुकाबले के पहले दिन (23 जुलाई) बल्लेबाजी के दौरान अपना पैर चोटिल कर बैठे थे। 37 के निजी स्कोर पर उन्हें रिटायर हर्ट होना पड़ा। इसके बाद उन्हें स्कैन के लिए ले जाया गया। पंत के स्कैन रिपोर्ट में पता चला कि उनके पैर में फ्रैक्चर है। ऐसे में उनका दोबारा बल्लेबाजी के लिए आना मुश्किल था।
BCCI ने भी कहा कि पंत जरूरत पड़ने पर ही बल्लेबाजी करेंगे। हालांकि भारत का छठा विकेट गिरने के बाद पंत ने टूटे पैर के साथ बैटिंग करने उतरकर सभी को हैरान कर दिया। वह लंगड़ाते हुए रन के लिए भी भागे। पंत ने जोफ्रा आर्चर की गेंद पर छक्का जड़कर अपना पचासा पूरा किया। 54 रन की पारी खेलकर आउट होने से पहले उन्होंने भारत को 350 के करीब पहुंचाया। पंत जब पवेलियन लौट रहे थे तब स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने खड़े होकर उनके साहस को सलाम किया। हालांकि यह पहला अवसर नहीं था जब किसी भारतीय खिलाड़ी ने ऐसी दिलेरी दिखाई हो। अनिल कुंबले, आर अश्विन-हनुमा विहारी और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी भी चोट को भूलकर टीम इंडिया के लिए जान लड़ा चुके हैं।
यह भी पढ़ें: खेल को लेकर सरकार का नया बिल क्या है? BCCI पर क्या होगा असर? समझिए
कुंबले ने टूटे जबड़े के साथ की गेंदबाजी
भारतीय टीम के महान स्पिनर अनिल कुंबले का साल 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगुआ टेस्ट जबड़ा टूट गया था। बल्लेबाज के दौरान वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज मर्व डिलॉन की गेंद उनके चेहरे पर जा लगी थी। कुंबले लहूलुहान हो गए थे, फिर भी वह अगले 20 मिनट तक क्रीज पर डटे रहे ताकि अजय रात्रा अपना शतक पूरा कर सकें। इसके बाद कुंबले ने पट्टी बांधकर लगातार 14 ओवर डाले और उन्होंने ब्रायन लारा का विकेट झटका। अगले दिन उन्होंने सर्जरी के लिए बेंगलुरु की फ्लाइट पकड़ी। इस नीरस ड्रॉ मुकाबले को कुंबले की बहादुरी के लिए याद किया जाता है।
अश्विन-हनुमा के हठ के सामने पस्त हुए कंगारू
भारतीय टीम जनवरी 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में 407 रन के बड़े टारगेट का पीछा करते हुए 272 रन पर 5 विकेट गंवा चुकी थी। यहां से मैच जीतना नामुमकिन सा था। आर अश्विन और हनुमा विहारी ने 42.4 ओवर तक बल्लेबाजी कर ऑस्ट्रेलिया से भी जीत छीन ली। भारतीय टीम मुकाबला ड्रॉ कराने में सफल रही। अश्विन पीठ की चोट से परेशान थे तो हनुमा हैमस्ट्रिंग इंजरी से जूझ रहे थे। हनुमा ने उस मुकाबले में एक पांव पर खड़े होकर बल्लेबाजी की और अश्विन के साथ मिलकर भारत को हार से बचाया। इसी मैच के बाद टीम इंडिया ने गाबा में ऐतिहासिक जीत हासिल की और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2-1 से अपने नाम किया था।
यह भी पढ़ें: ऋषभ पंत की जगह एन जगदीशन को ही क्यों चुना गया? इसाइड स्टोरी
रोहित शर्मा ने एक हाथ से बांग्लादेश के छुड़ाए छक्के
भारतीय वनडे टीम के कप्तान रोहित शर्मा को 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में फील्डिंग के दौरान अंगूठे में चोट लग गई थी। उन्हें फील्ड से बाहर जाना पड़ा। इसके बाद रोहित ओपनिंग करने भी नहीं उतरे। मगर जब 272 रन के टारगेट का पीछा करते हुए टीम इंडिया ने 207 रन के स्कोर पर 7 विकेट गंवा दिए तब रोहित ने बल्लेबाजी के लिए आने का फैसला किया। इस समय भारत को 44 गेंद में 65 रन की जरूरत थी। रोहित सिर्फ दाएं हाथ से ही बल्ला पकड़ पा रहे थे क्योंकि उनके बाएं हाथ के अंगूठे में टांके लगे थे। वह सिर्फ दाएं हाथ से ही बल्लेबाजी करने में सक्षम थे और उन्होंने तूफानी अंदाज में 3 चौके और 5 छक्के की मदद से 51 रन जड़ दिए। हालांकि वह पारी की आखिरी गेंद पर छक्का नहीं लगा सके और भारत को 5 रन से हार का सामना करना पड़ा। टीम इंडिया ने भले ही यह मुकाबला गंवा दिया लेकिन रोहित की साहसिक पारी ने फैंस का दिल जीत लिया।