शुभमन गिल की कप्तानी में जब टीम इंडिया 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए इंग्लैंड पहुंची, तब किसी ने भी उम्मीद नहीं की होगी कि ये युवा टीम इस तरह अंग्रेजों को नाको चने चबवा देगी। कोई उम्मीद लगाता भी कैसे? विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे बड़े नाम टीम में नहीं थे। कप्तान नया था। स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह 5 में से 3 ही मैच खेलने वाले थे।
मगर इन सब के बावजूद 'यंग इंडिया' ने सीरीज 2-2 से ड्रॉ कराया। मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए चौथे टेस्ट में टीम ने जिस तरह का कैरेक्टर दिखाया और मुकाबले को बचाया, उससे लगा कि लंदन के ओवल क्रिकेट ग्राउंड पर चमत्कार होगा। हुआ भी वही और भारतीय टीम ने ओवल में सीरीज के आखिरी मैच में 6 रन से रोमांचक जीत दर्ज कर ली।
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बुमराह के बिना भी टीम है तैयार
भारतीय टीम पिछले कुछ सालों से SENA देशों में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है, जिसमें जसप्रीत बुमराह की बड़ी भूमिका रही है। बुमराह ने पिछली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में लगभग अकेले दम पर भारत को हर मुकाबले में बनाए रखा था। मगर उन्हें दूसरे छोर से उतना साथ नहीं मिला। भारत को BGT 2024-25 में 3-1 से हार का सामना करना पड़ा।
बुमराह आखिरी मैच में चोटिल भी हो गए। पता चला कि बार-बार पीठ में चोट लगने से अब उनके वर्कलोड को मैनेज करना होगा, तभी वह लंबे समय तक खेल पाएंगे। ऐसे में सवाल उठा कि क्या बुमराह की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम घर से बाहर जीत पाएगी? इसका जवाब इंग्लैंड दौरे पर मिल गया है। सीरीज में मिली दोनों जीत बुमराह की अनुपस्थिति में आई।
एजबेस्टन टेस्ट में मोहम्मद सिराज ने आकाश दीप के साथ मिलकर मोर्चा संभाला। दोनों ने आपस में 17 विकेट बांटे। इसके बाद ओवल टेस्ट में सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और आकाश दीप की तिकड़ी ने इंग्लैंड को घुटनों पर लाया।
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नंबर 4 की चिंता गायब
विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद शुभमन गिल ने खाली हुए चौथे नंबर बैटिंग पोजिशन को अपनाया और सीरीज में 754 रन जड़ दिए। उन्होंने इस दौरे पर पहले दो मैचों में 585 रन बटोर लिए थे। शुभमन ने मैनचेस्टर टेस्ट की चौथी पारी में शतक जड़ मैच ड्रॉ कराने में मत्वपूर्ण रोल अदा किया।
शुभमन ने एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय कप्तान बने। उन्होंने सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड (732) तोड़ा। शुभमन ने एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में 269 रन की पारी खेली थी। भारतीय टीम को बैटिंग ऑर्डर में अब बस तीसरे नंबर की समया सुलझानी है। इस पोजिशन पर साई सुदर्शन और करुण नायर संघर्ष करते नजर आए।
वॉशिंगटन सुंदर ने बढ़ाया भरोसा
वॉशिंगटन सुंदर के रोल को लेकर टीम मैनेजमेंट हमेशा असमंजस में रही है। उन्हें घरेलू टेस्ट में बॉलिंग ऑलराउंडर के रूप में खिलाया जाता है, जबकि एशिया के बार उन्हें बैटिंग ऑलराउंडर के रूप में मौका दिया जाता है। वॉशिंगटन ने इस सीरीज में गेंद और बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए बताया कि वह विशुद्ध ऑलराउंडर हैं। उन्हें परिस्थितियां देखकर नहीं, बल्कि हर मुकाबले में उतारा जाना चाहिए।