अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 मैच में भारत की प्लेइंग-XI में शामिल नहीं किया गया। शमी 2023 वनडे वर्ल्ड कप के बाद टीम इंडिया में वापसी कर रहे हैं। उन्होंने फरवरी 2024 में टखने की सर्जरी करवाई थी। इस चोट से उबरने के बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट से मैदान पर वापसी की लेकिन उनके बाएं घुटने में सूजन आ गई, जिससे वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नहीं जा सके। बुधवार (22 जनवरी) को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में जब कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टॉस के समय भारत के अंतिम एकादश का ऐलान किया तो उसमें शमी का नाम नहीं था। इसके बाद चर्चा होने लगी कि क्या शमी पूरी तरह से फिट हैं? अगर उनके फिटनेस पर सवालिया निशान नहीं है तो उन्हें मौका क्यों नहीं मिला? इंग्लैंड के खिलाफ जीत के बाद अभिषेक शर्मा ने इसका खुलासा किया है।
मैनेजमेंट ने शमी को क्यों रखा बाहर?
प्लेइंग-XI की घोषणा होने के बाद शमी आधे घंटे तक साइड नेट्स में बॉलिंग प्रैक्टिस करते नजर आए थे। ऐसे में समझा जा सकता है कि वह मैच फिटनेस के लगभग करीब हैं। ईडन गार्डन्स में टीम इंडिया 3-3 स्पिनर्स के साथ उतरी। वहीं अर्शदीप सिंह एकमात्र स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज थे। हार्दिक पंड्या ने नई गेंद से अर्शदीप का साथ दिया। गेंदबाजों के एकजुट प्रदर्शन से इंग्लैंड को 133 रन पर समेटने के बाद भारत ने 12.5 ओवर में ही टारगेट हासिल कर लिया। वरुण चक्रवर्ती ने 4 ओवर में 23 रन देकर 3 विकेट लिए। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया। अभिषेक शर्मा ने 34 गेंद में 5 चौके और 8 छक्के उड़ाते हुए भारत को आसानी से लक्ष्य के पास पहुंचाया।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अभिषेक ने बताया कि शमी पहले टी20 में क्यों नहीं खेले। अभिषेक ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह टीम मैनेजमेंट का फैसला है और उन्होंने इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इसे बेहतर विकल्प माना।'
3 स्पिनर को कैसे मिला मौका?
कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि हम अपनी ताकत पर टिके रहना चाहते थे। सूर्या ने कहा,'हमने साउथ अफ्रीका में भी ऐसा ही किया था। हार्दिक के नई गेंद से बॉलिंग करने की जिम्मेदारी उठाई, जिससे अतिरिक्त स्पिनर को खिलाने में सहूलियत मिली। वरुण बेहतरीन तैयारियों के साथ उतर रहा है और अर्शदीप अतिरिक्त जिम्मेदारी ले रहा है। टॉस जीतने के बाद हमने जिस तरह की उर्जा दिखाई उससे बेंचमार्क सेट हो गया। गेंदबाजों के पास रणनीति थी और उन्होंने लागू किया। फिर बल्लेबाजी ने सोने पर सुहागा का काम किया।'