भारतीय जूनियर हॉकी टीम ने धमाल मचाते हुए लगातार तीसरी बार जूनियर एशिया कप जीत लिया है। बुधवार (5 नवंबर) को ओमान की राजधानी मस्कट में खेले गए खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 5-3 से रौंद दिया। अराइजीत सिंह ने हुंडल ने दनादन 4 गोल दागे, जबकि दिलराज सिंह ने एक गोल किया। वहीं पाकिस्तान की ओर सुफियान खान ने और कप्तान हन्नान शाहिद ने एक गोल किया। शुरुआत में बढ़त गंवाने के बाद टीम इंडिया ने धांसू वापसी कर पांचवीं बार जूनियर एशिया कप का खिताब अपने नाम किया। इस शानदार जीत के बाद हॉकी इंडिया ने खिलाड़ियों को 2-2 लाख और सपोर्ट स्टाफ को 1-1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार देने का ऐलान किया है।
फाइनल में पाकिस्तान ने तीसरे ही मिनट में बना ली थी बढ़त
पाकिस्तान को खिताबी मुकाबले में जबरदस्त शुरुआत मिली। कप्तान हन्नान शाहिद की मैदानी गोल की मदद से पाक टीम ने तीसरे ही मिनट में लीड ले ली। जल्द ही भारतीय टीम ने जवाबी हमला बोला और पेनल्ट कॉर्नर हासिल किया, जिसे हुंडल ने शक्तिशाली ड्रैग फ्लिक पर पाकिस्तानी गोलकीपर के दाहिने तरफ से गोल में पहुंचाकर टीम को बराबरी दिला दी। दूसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में टीम इंडिया ने एक और पेनल्टी कॉर्नर कमाया। हुंडल ने इसे भी गोल में तब्दील कर बढ़त दिलाई। एक मिनट बाद दिलराज ने मैदानी गोल करके स्कोर 3-1 कर दिया।
कांटे की टक्कर में भारत बना पांचवीं बार चैंपियन
2 गोल से पिछड़ने के बाद पाकिस्तान ने 30वें मिनट में पेनल्ट कॉर्नर हासिल किया। सूफियान ने इस मौके को भुनाते हुए गोल को अंतर को कम किया। उन्होंने 39वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर स्कोर 3-3 से बराबर कर दी। भारत ने 47वें मिनट में अपना तीसरा पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया, लेकिन हुंडल के शॉट पर पाकिस्तान के गोलकीपर मुहम्मद जंजुआ ने बेहतरीन डिफेंस किया।
अराइजित सिंह हुंडल ने कुछ ही सेकंड बाद फील्ड गोल दागकर अपनी हैट्रिक पूरी की और भारत को फिर से मैच में आगे कर दिया। अंतिम 10 मिनट का जब खेल बाकी था, तो जिक्रिया हयात ने काउंटर अटैक किया लेकिन भारतीय गोलकीपर प्रिंस दीप सिंह की डिफेंस को वह नहीं भेद पाए। 54वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर हुंडल ने बेहतरीन वैरियशन से गोल करके टीम की 5-3 से जीत सुनिश्चित कर दी। इसके साथ ही टीम इंडिया पांचवीं बार जूनियर एशियन चैंपियन बनी। इससे पहले भारत ने 2004, 2008, 2015 और 2023 में इस टूर्नामेंट को जीता था।