एशिया कप 2025 अगले महीने की 9 तारीख से शुरू हो रहा है। इस टूर्नामेंट में भारत-पाकिस्तान का मैच होना है, जिसके चलते बवाल मचा हुआ है। आम लोगों से लेकर राजनेता और पूर्व क्रिकेटर्स तक ने पाकिस्तान से खेलने के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। भारत सरकार का कहना है कि यह मल्टी-नेशन टूर्नामेंट है, इसलिए टीम इंडिया को पाकिस्तान से खेलने पर रोका नहीं जाएगा।
सरकार के फैसले के बाद टूर्नामेंट को पूरी तरह से बायकॉट करने की भी मांग उठी है। हालांकि ऐसा होना मुमकिन नहीं है, क्योंकि एशिया कप भले ही UAE में आयोजित हो रहा हो लेकिन इसके मेजबानी का अधिकार BCCI के पास है। अगर भारतीय टीम एशिया कप को बायकॉट करेगी तो टूर्नामेंट को रद्द करने की नौबत आ सकती है। ऐसे में पूरी संभावना है कि भारत-पाकिस्तान का मैच खेला जाएगा। पढ़िए उस एशिया कप की कहानी जब पाकिस्तान ने भारत के साथ तनाव के कारण टूर्नामेंट का बायकॉट कर दिया था।
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पाकिस्तान ने भारत आने से किया मना
1984 में वजूद में आया एशिया कप शारजाह, श्रीलंका और बांग्लादेश होते हुए 1990-91 में भारत पहुंचा था। यानी टूर्नामेंट के चौथे संस्करण की मेजबानी भारत को मिली थी। यह कॉन्टिनेंटल टूर्नामेंट 25 दिसंबर 1990 से 4 जनवरी तक खेला जाना था। भारत पहली बार एशिया कप की मेजबानी कर रहा था और BCCI को तगड़ी कमाई की उम्मीद थी लेकिन पाकिस्तान ने टूर्नामेंट का बायकॉट कर भारतीय बोर्ड की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पाकिस्तान ने भारत के साथ तनाव के चलते एशिया कप में खेलने से इनकार किया था। पाक टीम के नहीं आने से टूर्नामेंट की रंगत फीकी पड़ गई।
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भारत ने जीता खिताब
मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में उतरी भारतीय टीम ने चंडीगढ़ में बांग्लादेश को 9 विकेट से पीटकर विजयी आगाज किया। इस मुकाबले में लोकल ब्वॉय नवजोत सिंह सिद्धू ने 104 रन की नाबाद पारी खेली थी। 1990-91 एशिया कप के दूसरे मुकाबले में टीम इंडिया की टक्कर अर्जुन राणातुंगा की श्रीलंकाई टीम से हुई। कटक में खेले गए इस मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी श्रीलंका की टीम कपिल देव और अतुल वासन की घातक गेंदबाजी के सामने 214 रन पर ही ढेर हो गई। हालांकि भारतीय टीम इस छोटे टारगेट को भी नहीं हासिल कर सकी और उसकी पूरी पारी 178 रन पर ही सिमट गई।
श्रीलंका ने इसके बाद बांग्लादेश को हराया, जिससे भारत को फाइनल का टिकट मिल गया। खिताबी मुकाबला कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डंस स्टेडियम में खेला गया। भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। कपिल देव की अगुवाई में गेंदबाजों ने श्रीलंका को 204 रन पर रोककर उनके फैसले को सही साबित किया। कपिल ने 4 विकेट लिए। वहीं श्रीलंका के 3 बल्लेबाज रन आउट हुए।
फाइनल 45 ओवर का था। भारतीय टीम ग्रुप स्टेज में श्रीलंका के खिलाफ 50 ओवर के मैच में 214 रन चेज नहीं कर पाई थी। यहां फाइनल का अलग प्रेशर था और 5 ओवर भी कम थे। हालांकि संजय मांजरेकर ( नबाद 75), सचिन तेंदुलकर (53) और मोहम्मद अजहरुद्दीन (नाबाद 53) ने इस बार कोई दिक्कत नहीं आने दी। भारत ने 17 गेंद शेष रहते मुकाबला 7 विकेट से जीत लिया और लगातार दूसरी बार एशिया कप का चैंपियन बना।
फाइनल में भारत की प्लेइंग-XI: रवि शास्त्री, नवजोत सिंह सुद्धू, संजय मांजरेकर, सचिन तेंदुलकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन (कप्तान), कपिल देव, मनोज प्रभाकर, किरण मोरे (विकेटकीपर), वेंकटपति राजू, अतुल वासन, सरदिंदु मुखर्जी
1990-91 एशिया कप के नतीजे
- पहला मैच: भारत ने बांग्लादेश को 9 विकेट से हराया
- दूसरा मैच: श्रीलंका ने भारत को 36 रन से हराया
- तीसरा मैच: श्रीलंका ने बांग्लादेश को 71 रन से हराया
- फाइनल: भारत ने श्रीलंका को 7 विकेट से हराया
एशिया कप के इन संस्करणों में चैंपयिन बना है भारत
- 1984
- 1988
- 1990/91
- 1995
- 2010
- 2016
- 2018
- 2023