टीम इंडिया लगातार दूसरी बार महिला अंडर-19 वर्ल्ड कप चैंपियन बन गई है। निकी प्रसाद की कप्तानी वाली टीम ने रविवार (2 फरवरी) को फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका को 9 विकेट से रौंद दिया। मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में हुई इस खिताबी भिड़ंत में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 82 रन पर समेटने के बाद 11.2 ओवर में 1 विकेट के नुकसान पर टारगेट हासिल कर ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया। टीम इंडिया ने 2023 में भी खिताब जीता था।
भारत की लगातार दूसरी बार खिताबी जीत में इन 5 खिलाड़ियों ने अहम भूमिका निभाई
गोंगडी त्रिशा
सलामी बल्लेबाज गोंगडी त्रिशा ने 7 मैचों में 77.25 की औसत और 147.14 के स्ट्राइक रेट से 309 रन बनाए। वह टूर्नामेंट में टॉप स्कोरर रहीं। त्रिशा ने फाइनल मुकाबले में 3 विकेट चटकाने के बाद नाबाद 44 रन की पारी खेली। उन्होंने स्कॉटलैंड के खिलाफ शतक जड़ा था। त्रिशा महिला अंडर-19 वर्ल्ड कप में शतक लगाने वाली पहली भारतीय बल्लेबाज बनी थीं। उन्होंने गेंद से भी कमाल दिखाते हुए 4 पारियों में 7 विकेट झटके। उन्हें खिताबी मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच के अलावा पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज के अवॉर्ड से नवाजा गया।
जी कमालिनी
जी कमालिनी ने विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभालने के अलवा त्रिशा के साथ मिलकर भारत को कई बार अच्छी शुरुआत दिलाई। कमालिनी के बल्ले से 7 मैचों में 35.75 की औसत से 143 रन निकले। उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 56 रहा।
वैष्णवी शर्मा
बाएं हाथ की लेफ्ट आर्म स्पिनर वैष्णवी शर्मा महिला अंडर-19 वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में नंबर-1 पर रहीं। उन्होंने 6 मैच में 4.35 के हैरतअंगेज औसत से 17 विकेट अपने नाम किए। वैष्णवी ने मेजबान मलेशिया के खिलाफ 5 रन देकर 5 विकेट झटके थे।
आयुषी शुक्ला
वैष्णवी के बाद आयुषी शुक्ला टूर्नामेंट में दूसरी सबसे ज्याद विकेट लेने वाली गेंदबाज रहीं। आयुषी भी लेफ्ट आर्म फिंगर स्पिनर हैं। उन्होंने 7 मैच में 14 विकेट झटके। इस दौरान उनकी इकॉनमी 3.01 की रही। आयुषी ने टूर्नामेंट में एक बार 4 विकेट हॉल भी लिया था।
परूनिका सिसोदिया
परूनिका सिसोदिया के भी लेफ्ट आर्म स्पिन का जादू सिर चढ़कर बोला। उन्होंने कसी हुई गेंदबाजी करते हुए 6 मैच में 10 विकेट अपनी झोली में डाले। टूर्नामेंट में 10 से ज्यादा ओवर डालने वाले गेंदबाजों में परूनिका की इकॉनमी (2.71) सबसे बेहतर रही।