टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान का बयान वायरल हो रहा है। उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी पर आरोप लगाया है कि जो खिलाड़ी भारतीय कप्तान का हुक्का सेट करता था, उसे मौके दिए जाते थे।
2012 टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ विकेट लेने के बाद जोश में इरफान पठान। (Photo Credit: ICC/X)
इरफान पठान पिछले दो दिनों से सुर्खियों में बने हुए हैं। भारतीय टीम के इस पूर्व ऑलराउंडर के एक पुराने इंटरव्यू का वीडियोवायरल है, जिसमें वह महेंद्र सिंह धोनी पर संगीन आरोप लगाते दिख रहे हैं। इरफान ने बताया कि उन्हें बिना कारण बताए ड्रॉप कर दिया गया। उन्होंने इटंरव्यू के दौरान इशारों-इशारों में कहा कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान धोनी को हुक्का पीने की आदत थी और जो खिलाड़ी उनके साथ हुक्का पीता था, उसे टीम में जगह मिलती थी। इरफान के इस पुराने इंटरव्यू का क्लिपवायरल होते ही सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। धोनी के फैंस उन्हें खूब सुना रहे हैं।
इस विवाद पर इरफान पठान का भी रिएक्शन आया है। एक X पर उनसे एक फैन ने पूछा कि पठान भाई वो हुक्के का क्या हुआ? इसके जवाब में इरफान ने मजाकिया अंदाज में लिखा है, 'मैं और एमएस धोनी साथ बैठकर पीएंगे।'
इरफान का इंटरनेशनल करियर 2012 में समाप्त हो गया था। उन्होंने अपने आखिरी वनडे इंटरनेशनल मुकाबले में 5 विकेट झटके थे और प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीता था। इसके बाद वह अगली सीरीज में ड्रॉप कर दिए गए। इरफान ने 27 की उम्र में अपना करियर खत्म होने का दोषी कई बार धोनी की कप्तानी को ठहराया है। वह मानते हैं कि उनके सिचुएशन को सही से हैंडल नहीं किया गया। इरफान के दावे में कितनी सच्चाई है? आइए समझते हैं।
इरफान का करियर 2012 में क्यों खत्म हो गया, यह जानने से पहले उस साल उनके प्रदर्शन को देखते हैं। बाएं हाथ से तेज गेंदबाजी और बल्लेबाजी करने वाले इरफान ने 2012 में 12 वनडे इंटरनेशनल मुकाबले खेले थे, जिसमें उन्होंने 172 रन बनाए और 19 विकेट झटके। बल्ले से उनका उच्चतम स्कोर 47 रहा, जबकि गेंद के साथ उनका बेस्ट प्रदर्शन 61 रन देकर 5 विकेट रहा। टी20 इंटरनेशन मैचों की बात करें तो उन्होंने 8 मैच खेले और 12 विकेट अपने नाम किए। बल्ले से उन्होंने दो पारियों में 39 रन बनाए। इरफान उस साल श्रीलंका में हुए टी20 वर्ल्ड कप भी खेले थे।
साल 2012 इरफान पठान के ODI और टी20I आंकड़े:
ODI - 12
टी20I - 8
विकेट - 19
विकेट - 12
बेस्ट - 5/61
बेस्ट - 3/27
रन - 172
रन - 39
उच्चतम - 47
उच्चतम - 31
आंकड़ों के लिहाज से इरफान का प्रदर्शन बहेतरीन रहा था। उन्हें आगे मौके क्यों नहीं मिले? ये काफी हद तक उस समय की टीम के कॉम्बिनेशन और मैनेजमेंट की पसंद पर निर्भर करता है।हालांकि मैच विनिंग प्रदर्शन के बावजूद भी इरफान क्यों नहीं चुने गए? इसका कारण कुछ हद तक साफ है।
इरफान पठान के लिए 2012 का श्रीलंका दौरा यादगार रहा था।उन्होंनेजुलाई-अगस्तमेंखेले 5 मैचोंकीवनडेसीरीजमें 8 विकेटझटकेथे। इरफाननेसीरीजकेआखिरीमुकाबलेमें 28 गेंदमेंनाबाद 29 रनबनानेकेबाद 61 रनदेकर 5 विकेटझटके। उनकेइसहरफनमौलाखेलकीबदौलतटीमइंडियाने 20 रनसेजीतदर्जकीऔरसीरीजको 4-1 सेअपनेनामकिया।
इसकेबाद दौरे का समापनटी20 मैच से हुआ। इरफानयहांभीप्लेयरऑफ द मैचरहे। उन्होंने 27 रन देकर 3 विकेट झटके। उन्होंने इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत सेलेक्टर्स का भरोसा जीता और टी20 वर्ल्ड कप टीम में जगह बनाई। हालांकि वह टी20 वर्ल्ड कप में अपने प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाए। उन्होंने 5 मैचों में 5 विकेट जरूर लिए लेकिन उनकी इकॉनमी 8.64 की रही। इस टूर्नामेंट में कम से कम 10 ओवर डालने वाले भारतीय गेंदबाजों में इरफान सबसे महंगे रहे थे। टी20 वर्ल्ड कप के बाद उन्हें इस फॉर्मेट में कभी टीम इंडिया की जर्सी पहनने का मौका नहीं मिला।
अब आते हैं उनके वनडे करियर पर। दरअसल, श्रीलंका दौरा शुरू होने से पहले इरफान को टीम में नहीं चुना गया था। विनय कुमार के चोटिल होने से उनकी वनडे टीम में जगह बनी थी। ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा भी इस दौरे पर नहीं गए थे, जिससे इरफान को भरपूर मौके मिले। इरफान ने इन मौकों को अच्छे से भुनाया भी। हालांकि रवींद्र जडेजा के टीम में लौटने पर उनका पत्ता साफ हो गया। भारतीय टीम जब 2012-13 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज में उतरी तो तेज गेंदबाजी युनिट में भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी जैसे नए चेहरों को शामिल किया गया, जिनके अच्छे प्रदर्शन ने इरफान के लिए दरवाजे बंद कर दिए।