इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में भारतीय टीम 3 बदलाव के साथ उतरी है। मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे इस मुकाबले में साई सुदर्शन, शार्दुल ठाकुर और अंशुल कम्बोज को मौका मिला है। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज अंशुल कम्बोज इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू कर रहे हैं। उन्हें चोटिल आकाश दीप की जगह टीम में शामिल किया गया है। वहीं चोट के चलते पूरी सीरीज से बाहर हो चुके नीतीश कुमार रेड्डी को शार्दुल ठाकुर ने रिप्लेस किया है।
साई सुदर्शन की एंट्री करुण नायर की जगह पर हुई है। सुदर्शन को लीड्स में खेले गए 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में टेस्ट डेब्यू का मौका मिला था। हालांकि अगले ही मैच में उन्हें ड्रॉप कर दिया गया। उनकी जगह करुण नायर को नंबर 3 पर खिलाया गया। दो मैच बाद अब करुण को बाहर का रास्ता दिखा सुदर्शन को इस बैटिंग पोजिशन के लिए चुना गया है। करुण 3 टेस्ट मैचों की 6 पारियों में 21.80 की औसत से 131 रन ही बना सके थे।
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टीम मैनेजमेंट का करुण पर से उठा भरोसा?
भारतीय टीम का इंग्लैंड दौरा शुरू होने से पहले किसी खिलाड़ी की सबसे ज्यादा चर्चा थी, तो वह करुण नायर थे। 8 साल के वनवास के बाद इस दाएं हाथ के बल्लेबाज की भारतीय टीम में वापसी हो रही थी। उन्हें पहले मैच में ही प्लेइंग-XI में शामिल किया गया। करुण से लीड्स में नंबर-6 पर बैटिंग करवाई गई, जहां वह पहली पारी में जीरो पर आउट हुए। वहीं दूसरी पारी में उन्होंने 20 रन बनाए।
माना गया कि यह बैटिंग पोजिशन करुण के लिए उपयुक्त नहीं था। ऐसे में उन्हें एजबेस्टन और लॉर्ड्स में नंबर-3 पर उतारा गया। करुण ने यहां भी निराश किया। उन्हें दोनों मुकाबलों में शुरुआत मिली लेकिन वह बड़ी पारी नहीं खेल सके। करुण लॉर्ड्स टेस्ट में भारत की दूसरी पारी में जैसे आउट हुए, उनकी तकनीक पर भी सवाल उठने लगे थे। हालांकि मैनचेस्टर टेस्ट शुरू होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान शुभमन गिल ने उनका बचाव किया था। मगर मुकाबले के लिए करुण नायर को नहीं चुना जाना, बताता है कि उनसे टीम मैनेजमेंट का भरोसा उठ गया है।
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तिहरा शतक के बाद अगले ही मैच में हुए ड्रॉप
करुण नायर ने दिसंबर 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में तिहरा शतक (नाबाद 303) जड़ा था। उन्होंने पांचवें नंबर पर आकर यह ऐतिहासिक पारी खेली थी। करुण के करियर का यह तीसरा ही टेस्ट मैच था। हालांकि इस अद्भुत उपलब्धि के बावजूद करुण अगले ही मुकाबले में टीम इंडिया की प्लेइंग-XI में जगह नहीं बना सके। भारतीय टीम फरवरी 2017 में पुणे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के शुरुआती मुकाबले में करुण के बिना उतरी। तर्क यह दिया गया कि नंबर-5 के रेगुलर और उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे टीम में लौट आए हैं।
पुणे में शर्मनाक हार के बाद तत्कालीन कप्तान विराट कोहली और हेड कोच अनिल कुंबले ने सीरीज में आगे 4 स्पेशलिस्ट गेंदबाजों के साथ जाने का फैसला किया। ऐसे में करुण की वापसी हुई। उन्हें बेंगलुरु और रांची में नंबर-6 पर उतारा गया, जहां वह 3 पारियों में 49 रन ही बना पाए। धर्मशाला टेस्ट से कोहली चोट के चलते बाहर हो गए थे। उनकी जगह अजिंक्य रहाणे ने कमान संभाली और नंबर-4 पर बैटिंग की। करुण पांचवें नंबर पर उतरे। वह पहली पारी में 5 रन ही बना सके। वहीं दूसरी पारी में उनकी बल्लेबाजी की बारी ही नहीं आई। इसके बाद वह टीम से अंदर-बाहर होते रहे। करुण को 2018 इंग्लैंड दौरे के लिए स्क्वॉड में तो रखा गया लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
करुण ने जब क्रिकेट से मांगा एक और मौका
भारतीय टीम से किनारे किए जाने के बाद करुण घरेलू क्रिकेट में भी संघर्ष करते नजर आए। करुण को उनकी घरेलू टीम कर्नाटक की प्लेइंग-XI से ड्रॉप किए जाने के बाद स्क्वॉड से ही बार कर दिया गया। इसके बाद 2022 में उनका फेमस ट्वीट आया। करुण ने ट्वीट करते हुए क्रिकेट से एक और मौका मांगा, जो उन्हें मिला भी। करुण ने अब विदर्भ की टीम से घरेलू क्रिकेट खेलने का फैसला किया। उन्होंने पिछले घरेलू सीजन में कुल 9 शतक जड़े थे। फिर उनकी भारतीय टीम में वापसी की राह बनी। मगर मौजूदा सीरीज के शुरुआती 3 मैचों में मिले मौके को नहीं भुना पाने के बाद अब बड़ा सवाल यही है कि क्या इस 33 साल के खिलाड़ी की फिर टीम में एंट्री होगी?
इंग्लैंड में करुण नायर का प्रदर्शन
- लीड्स टेस्ट - 20 रन (0, 20)
- एजबेस्टन टेस्ट - 57 रन (31, 26)
- लॉर्ड्स टेस्ट - 54 रन (40, 14)