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मानसी जोशी: पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी जिसे दुनिया ने किया सलाम

मानसी जोशी ने 22 साल की उम्र में रोड एक्सीडेंट में अपना एक पैर खो दिया था। उन्होंने निराशा के अंधेरे से निकलकर दुनियाभर में अपनी चमक दिखाई है।

Manasi Joshi

मेडल के साथ मानसी जोशी। (Photo Credit: Manasi/Facebook)

जीवन में कुछ ऐसे भयावह पल आते हैं जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। 2 दिसंबर, 2011 के रोज कुछ ऐसा ही हुआ मानसी जोशी के साथ। मानसी टू व्हीलर पर ऑफिस जा रही थीं, तभी वह ट्रक के चपेट में आ गईं। उनके बाएं पैर को रौंदते हुए ट्रक निकल गया। उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया लेकिन प्रॉपर इलाज मिलने में 9 घंटे लग गए। तुरंत इलाज नहीं होने के कारण स्थिति ऐसी हो गई उनका बायां पैर काटना पड़ा। इस घटना ने मानसी की जिंदगी को बदलकर ही रख दी।

 

अस्पताल में दो महीने रहने के दौरान मानसी ने सोच लिया कि उन्हें इस हादसे को चुनौती मानकर आगे बढ़ना है। मानसी ने जब कृत्रिम पैर पर चलना शुरू किया तो उन्होंने फिर से बैडिमिंटन को चुना। 

 

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बचपन में पिता ने सिखाया बैडमिंटन

 

मानसी को बचपन से ही बैडमिंटन से लगाव था। मानसी के पिता ही उनके पहले कोच थे। जब वह 6 साल की थीं तब उनके पिता ने ही उन्हें रैकेट पकड़ना और शटल मारना सिखाया। हालांकि उनकी फैमिली में हमेशा पढ़ाई पहली प्राथमिकता रही। मानसी के पिता मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक थे। उनका मानना था कि उनके बच्चे खेलों के साथ पढ़ाई में भी अच्छा करें। मानसी स्कूल के दिनों में फुटबॉल, बास्केटबॉल और वॉलीबॉल भी खेला करती थीं। स्कूल के बाद उन्होंने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की और सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनीं। हालांकि हादसे के बाद उन्होंने बैडमिंटन में करियर बनाने का फैसला किया।

 

 

पुलेला गोपीचंद की एकेडमी में ली ट्रेनिंग

 

मानसी ने रिहैब के दौरान धीर-धीरे बैडमिंटन में कौशल दिखाना शुरू किया। अहमदाबाद में दिग्गज भारतीय खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद के साथ मुलाकात के बाद वह बेहतर ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद चली गईं। पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी में उन्होंने अपने खेल को निखारा और फिर इंटनरेशनल टूर्नामेंट्स मेडल जीतने शुरू कर दिए। मानसी ने 2015 में इंग्लैंड में आयोजित पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और मिक्स्ड डबल्स में वर्ल्ड लेवल पर पहला सिल्वर मेडल अपने नाम किया। इसके बाद हर साल मेडल जीतती चली गईं। मानसी ने 2019 में अपने करियर में बड़ा मुकाम हासिल किया। इस साल उन्होंने पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। 

 

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दुनिया ने किया सलाम

 

पैरा बैडमिंटन में लगातार झंडे गाड़ रहीं मानसी को प्रितिष्ठित टाइम मैगजिन ने अपने कवर पेज पर जगह दी। इस मैगजिन के कवर पर फीचर होने वाली वह पहली भारतीय एथलीट बनीं। 2020 में ही मशहूर डॉल कंपनी बार्बी ने मानसी को समर्पित बार्बी डॉल लॉन्च की। उसी साल मानसी को बीबीसी ने दुनिया की 100 सबसे प्रेरणादायक और शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया था। 

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