21 साल के नीतीश कुमार रेड्डी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भारतीय टीम के लिए एक बार फिर संकटमोचक बनकर उभरे। पर्थ टेस्ट की पहली पारी और एडिलेड में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट की दोनों पारियों में भारत के टॉप स्कोरर रहे नीतीश ने बॉक्सिंग डे टेस्ट में भी अपना लोहा मनवाया है। इस युवा ऑलराउंडर ने मुकाबले के तीसरे दिन (28 दिसंबर) शतक जड़कर टीम इंडिया की वापसी करवा दी। नीतीश ने जब अपने इंटरनेशनल करियर की पहली सेंचुरी पूरी की तो मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में मौजूद उनके पिता मुत्याला रेड्डी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए। सालों का संघर्ष उनकी नजरों के सामने घूमने लगा और वह फफक-फफक कर रो पड़े। नीतीश के पिता ने आसमान की ओर देखते हुए इस पल भगवान को शुक्रिया कहा।
बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए छोड़ दी नौकरी
नीतीश कुमार रेड्डी के पिता मुत्याला रेड्डी हिंदुस्तान जिंक में नौकरी करते थे। होमटाउन विशाखापट्टनम से मुत्याला रेड्डी का ट्रांसफर उदयपुर कर दिया गया। इससे विशाखापट्टनम में चल रही नीतीश की ट्रेनिंग प्रभावित हो सकती थी। ट्रांसफर के चलते बटे का क्रिकेट करियर प्रभावित ना हो, इसके लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। इस कदम के लिए उन्हें रिश्तेदारों ने खूब ताने सुनाए। हालांकि नीतीश की मां ने उन्हें पूरा सपोर्ट किया। इसके बाद वो पूरी तरह से नीतीश की ट्रेनिंग पर फोकस करने लगे और अब जाकर उनके वर्षों का संघर्ष पूरा हुआ है।
आठवें नंबर पर उतरे नीतीश जब क्रीज पर आए तो स्कोर बोर्ड पर सिर्फ 191 रन थे। ऑस्ट्रेलिया के 474 रन के जवाब में भारत की पारी जल्दी सिटमती दिख रही थी और फॉलोऑन का खतरा मंडरा रहा था। 221 के स्कोर पर पर रवींद्र जडेजा के रूप में सातवां झटका लगने के बाद तो ये तय नजर आ रहा था कि भारत की दूसरी पारी भी आज ही देखने को मिल जाएगी। लेकिन नीतीश के इरादे कुछ और ही थे। उन्होंने वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर पहले फॉलोऑन के खतरे को टाला और फिर 127 रन की साझेदारी कर मुकाबले में जान फूंक दी। सुंदर अर्धशतक लगाने के बाद आउट हो गए।
नीतीश ने बाहुबली अंदाज में किया सेलिब्रेट
इस समय नीतीश 97 रन पर थे। जसप्रीत बुमराह के क्रीज पर आने के बाद उन्होंने दो बार सिंगल छोड़ा। नीतीश ने इसके बाद 133वें ओवर की आखिरी गेंद पर बड़ा शॉट लगाकर शतक पूरा करना चाहा, लेकिन बल्ले से संपर्क अच्छा नहीं हुआ। वह भाग्यशाली रहे कि गेंद कवर्स के पीछे खाली क्षेत्र में गिरी। नीतीश और बुमराह इस बीच 2 रन भागकर दो रन ले लिए। अगले ओवर में स्ट्राइक बुमराह के पास चला गया और वह अपना विकेट नहीं बचा सके। अब बल्लेबाजी करने के लिए मोहम्मद सिराज आए। नीतीश शतक से सिर्फ 1 रन दूर थे। ऐसे में सिराज के कंधों पर जिम्मेदारी थी कि वह नीतीश को स्ट्राइक पर लाएं या आखिरी तीन गेंदों को निकाल दें। सिराज ने कुछ ऐसा ही किया और पैट कमिंस की तीन गेंदों को अच्छे से संभाला।
अब नीतीश कुमार रेड्डी को स्ट्राइक मिल चुकी थी। उन्होंने स्कॉट बोलैंड को सामने चौका जड़कर मेलबर्न में दर्शकों को रोमांचित कर दिया। नीतीश ने सेंचुरी के बाद 'बाहुबली' अंदाज में जश्न मनाया। पहले बल्ले को जमीन पर गाड़ा और हेलमेट के ऊपर रख आसमान को नमन किया।