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नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में गुकेश-अर्जुन के पास इतिहास रचने का मौका

नॉर्वे चेस टूर्नामेंट के मेंस कैटेगरी में पहली बार दो भारतीय खिलाड़ी उतर रहे हैं। डी गुकेश और अर्जुन एरिगेसी के पास इतिहास रचने का मौका है।

D Gukesh Arjun Erigaisi

अर्जुन एरिगेसी और डी गुकेश। (Photo Credit: D Gukesh/X)

नॉर्वे चेस टूर्नामेंट के 13वें एडिशन की शुरुआत सोमवार (26 मई) से होने जा रही है। मेंस कैटेगरी में डी गुकेश और अर्जुन एरिगेसी भारत की चुनौती पेश करेंगे। वहीं विमेंस कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व कोनेरू हम्पी और आर वैशाली करेंगी। चेस के सबसे बड़े टूर्नामेंट में से एक नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में मेंस और विमेंस कैटेगरी में छह-छह खिलाड़ी उतरेंगे। यह टूर्नामेंट 'डबल राउंड-रॉबिन' फॉर्मेंट में खेला जाता है।

 

मेंस कैटेगरी में पहली बार दो भारतीय खिलाड़ी उतर रहे हैं। 2013 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट में अब तक कोई भारतीय खिलाड़ी खिताब नहीं जीत पाया है। वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश से बड़ी उम्मीदें होंगी। गुकेश क्लासिकल फॉर्मेट में कड़े प्रतिद्वंद्वियों को हराने की क्षमता रखते हैं। अर्जुन एरिगेसी भी कमाल कर सकते हैं। वह वर्ल्ड रैंकिंग में गुकेश के बाद चौथे स्थान पर हैं। नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में मैग्नस कार्लसन और हिकारू नाकामुरा जैसे शीर्ष खिलाड़ी उतरेंगे।

 

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विश्वनाथन आनंद 2015 में उपविजेता रहे

 

टूर्नामेंट के शुरुआती एडिशन में पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद सहित 10 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी शामिल थे। विश्वनाथन आनंद इस टूर्नामेंट में छह से अधिक बार खेले हैं और 2015 में उपविजेता रहे। उन्होंने हाल ही में कहा था कि उन्हें इस टूर्नामेंट में 'बहुत रोमांचक मुकाबला' देखने की उम्मीद है। गुकेश और एरिगेसी दोनों पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन कार्लसन को हराने की पुरजोर कोशिश करेंगे। कार्लसन छह खिताब के साथ इस टूर्नामेंट के सबसे सफल खिलाड़ी हैं। 

 

मेंस कैटेगरी में कार्लसन और अमेरिका के ग्रैंडमास्टर नाकामुरा जबकि विमेंस कैटेगरी में चीन की जू वेनजुन और ली टिंगजी की जोड़ी को मात देना आसान नहीं होगा। नाकामुरा वर्ल्ड रैंकिंग में कार्लसन के बाद दूसरे स्थान पर हैं। इसके बाद गुकेश और एरिगेसी हैं। गुकेश हालांकि वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद सर्वश्रेष्ठ लय में नहीं है। पेरिस में फ्रीस्टाइल चेस टूर्नामेंट में उन्हें संघर्ष करना पड़ा और इस साल की शुरुआत में वे टाटा स्टील मास्टर्स का खिताब भी हमवतन आर प्रज्ञानानंदा से हार गए। गुकेश हाल ही में बुखारेस्ट में सुपरबेट क्लासिक में भी प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं कर सके, जिसमें प्रज्ञानानंदा ने खिताब जीता था।

 

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विमेंस कैटेगरी में हम्पी से उम्मीदें

 

विमेंस कैटेगरी में भारत को हम्पी के अनुभव से ज्यादा उम्मीद होगी। हम्पी और वेनजुन के बीच मुकाबला तय कर सकता है कि खिताब कौन जीतेगा। हम्पी ने पिछले साल न्यूयॉर्क में दूसरी बार वर्ल्ड रैपिड खिताब जीत कर दिखाया था कि करियर के 20 साल होने के बाद उनमें जीत दर्ज करने की भूख कम नहीं हुई है। टूर्नामेंट में समान पुरस्कार राशि है, जो बहुत कम चेस टूर्नामेंट में देखने को मिलता है। कुल पुरस्कार राशि लगभग 1,62,681 डॉलर है।

 

(PTI इनपुट के साथ)

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