बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को इंग्लैंड के खिलाफ हालिया सीरीज में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। 30 साल के कुलदीप इंग्लैंड दौरे के लिए स्क्वॉड का हिस्सा तो थे लेकिन प्लेइंग-XI में उनकी जगह नहीं बन सकी। कुलदीप को बाहर रखने पर हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल की आलोचना भी हुई। टीम मैनेजमेंट ने बल्लेबाजी में गहराई देने पर जोर दिया और वॉशिंगटन सुंदर पर भरोसा जताया गया।
वॉशिंगटन सुंदर ने मैनचेस्टर में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में शतक जड़ मुकाबले को ड्रॉ कराया। उन्होंने पांचवें टेस्ट मैच में भारत की दूसरी पारी के दौरान 53 रन की बहुमूल्य पारी खेली, जिससे टीम इंडिया ने बड़ा टारगेट सेट किया और अंत में 6 रन से जीत हासिल की। इस तरह सीरीज 2-2 की बराबरी पर छूटा। बैटिंग में सुंदर के प्रदर्शन को देखते हुए टीम मैनेजमेंट का फैसला सही साबित हुआ। मगर कुलदीप को नहीं खिलाने के फैसले से कई एक्सपर्ट्स सहमत नहीं दिखे।
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कैसे बनेगी कुलदीप की जगह?
इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में कई बार भारतीय गेंदबाज लंबे समय तक विकेट नहीं निकाल पा रहे थे, जिसके बाद सवाल उठे कि टीम में स्पेशलिस्ट को क्यों नहीं रखा गया है? किसी भी परिस्थिति में विकेट लेने की कुलदीप की क्षमता को देखते हुए उन्हें बाहर रखने का फैसला गलत ठहराया जा रहा था। हालांकि सीरीज ड्रॉ कराने में सुंदर की अहम भूमिका होने के बाद अब कुलदीप को आगे भी बाहर रहना पड़ सकता है। रवींद्र जडेजा के टीम में रहते कुलदीप को तीसरे स्पिनर के रूप में ही शामिल किए जाने की संभावना है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने कुलदीप को सलाह दी है कि उन्हें टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए आर अश्विन की तरह अपनी बैटिंग में सुधार करना होगा। उथप्पा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि अश्विन ने 5-6 टेस्ट शतक लगाए। अगर कुलदीप लोअर ऑर्डर में कुछ ऐसा कर पाएं तो उन्हें ज्यादा मौके मिलेंगे।
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8 साल में खेले सिर्फ 13 टेस्ट
कुलीदप यादव ने अपना टेस्ट डेब्यू मार्च 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में किया था। डेब्यू के बाद से 8 सालों में वह सिर्फ 13 टेस्ट मैच खेल पाए हैं। कुलदीप आखिरी बार नवंबर 2024 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया की सफेद जर्सी में नजर आए थे। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अब तक 56 विकेट लिए हैं, जिसमें 4 बार 5 विकेट हॉल शामिल है।