टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने विराट कोहली पर संगीन आरोप लगाए हैं। उथप्पा ने युवराज सिंह के करियर के समय से पहले खत्म होने के लिए कोहली को जिम्मेदार ठहराया है। एक इंटरव्यू में उथप्पा ने कहा कि युवराज ने फिटनेस टेस्ट में 2 पॉइंट कम करने के लिए कहा था लेकिन कोहली ने उन्हें किसी भी तरह की कोई रियायत नहीं दी।
कोहली फुल फिटनेस के साथ टीम में चाहते थे
युवराज सिंह व्हाइट बॉल क्रिकेट में टीम इंडिया के सबसे बड़े मैच विनर रहे हैं। भारत को 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जिताने में उनकी अहम भूमिका रही। उन्होंने कैंसर से लड़ते हुए 2011 वर्ल्ड कप खेला था। भारत को चैंपियन बनाने के बाद उन्होंने कैंसर का इलाज करवाया। इस गंभीर बीमारी से उबरने के बाद युवराज ने 2012 में टीम इंडिया में वापसी की। हालांकि 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए उन्हें नहीं चुना गया।
विराट कोहली जब कप्तान बने तो युवराज सिंह की वापसी हुई मगर उन्हें 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद टीम से बाहर कर दिया गया। उथप्पा ने लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में बताया कि कोहली पूरी फिटनेस के साथ उन्हें टीम में चाहते थे।
उथप्पा ने कहा, 'युवी पा ने कैंसर को हराया और टीम में वापसी की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने हमें बाकी खिलाड़ियों के साथ मिलकर 2 वर्ल्ड कप जिताए। जीत में अभिन्न भूमिका निभाई। जब आप कप्तान बनते हैं, तो आप ऐसे खिलाड़ी के लिए कहते हैं कि उनकी फेफड़ों की क्षमता कम हो गई है। जब आपने उन्हें संघर्ष करते देखा था, तब आप उनके साथ थे।'
युवराज को फिटनेस में छूट मिलनी चाहिए थी
उन्होंने आगे कहा, 'किसी ने मुझे यह नहीं बताया, मैं खुद चीजों को देखता हूं। जब आप कप्तान होते हैं, तो एक प्रकार का स्टैंडर्ड बनाकर रखना होता है। लेकिन नियम के भी हमेशा अपवाद होते हैं। वो ऐसे व्यक्ति हैं जो छूट के हकदार थे क्योंकि उन्होंने न केवल टूर्नामेंट जीता, बल्कि कैंसर को भी हराया। उन्होंने जीवन की सबसे कठिन चुनौती से पार पाई।'
कोहली ने नहीं सुनी युवराज की बात
उथप्पा ने कहा, 'युवी ने फिटनेस टेस्ट के लिए दो पॉइंट कम करने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। फिर उन्होंने टेस्ट दिया क्योंकि वो टीम से बाहर थे। उन्होंने फिटनेस टेस्ट पास किया और टीम में आए। टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा लेकिन उन्हें पूरी तरह से बाहर कर दिया गया। उसके बाद उन्हें कभी भी शामिल नहीं किया गया। जो भी लीडरशिप ग्रुप में थे, उन्होंने युवी को फिर शामिल नहीं किया। उस समय विराट कप्तान थे और उनके मजबूत व्यक्तित्व के कारण सब कुछ उनके अनुसार ही हुआ।'