करुण नायर के बल्ले से रन बरस रहे हैं। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने विजय हजारे ट्रॉफी में 7 पारियों में 752 रन कूट दिए हैं। 50 ओवर फॉर्मेट में खेले जाने वाले इस घरेलू टूर्नामेंट के मौजूदा सीजन में उन्होंने अब तक 5 शतक जड़े हैं। अपनी कप्तानी में उन्होंने विदर्भ को फाइनल में भी पहुंचा दिया है। शनिवार (18 जनवरी) को खिताबी मुकाबले में विदर्भ का सामना करुण की पुरानी टीम कर्नाटक से होगा।
इस सीजन के विजय हजारे ट्रॉफी में करुण नायर एक ही बार आउट हुए हैं। 33 के इस बल्लेबाज ने अपने हैरतअंगे प्रदर्शन से वह भारतीय टीम का दरवाजा पीट रहे हैं। उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया में जगह मिलती है या नहीं इस पर सभी की नजरे हैं। इस बीच महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने उनकी जमकर तारीफ की है। साथ ही एक सलाह भी दी है।
क्या बोले मास्टर ब्लास्टर?
सचिन ने करुण की तारीफ में X पर लिखा, '7 पारियों में 5 सेंचुरी के साथ 752 रन बनाना कोई साधारण बात नहीं है। इस तरह के प्रदर्शन यूं ही नहीं हो जाते, ये फोकस और कड़ी मेहनत से आते हैं।' मास्टर ब्लास्टर ने करुण को सलाह देते हुए अपनी बात खत्म की। उन्होंने लिखा, 'मजबूती से आगे बढ़ते रहो और हर मौके का फायदा उठाओ।'
टीम इंडिया में वापसी को लेकर करुण ने क्या कहा?
करुण नायर जून 2016 में टीम इंडिया के लिए ODI डेब्यू किया था। इसी साल उन्होंने अपने टेस्ट करियर की भी शुरुआत की। अपने तीसरे ही टेस्ट में उन्होंने तिहरा शतक ठोककर सनसनी मचा दी थी। करुण ने दिसंबर 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में नाबाद 303 रन की पारी खेली थी। हालांकि इसके बाद उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले और वह टीम में अपनी जगह गंवा बैठे। भारत के लिए आखिरी बार वह मार्च 2017 में धर्मशाला टेस्ट में खेले थे।
8 साल के लंबे इंतजार के बाद भारतीय टीम में वापसी करने के मुहाने पर खड़े करुण ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, 'भारत के लिए खेलने का सपना हमेशा रहा है। वह सपना अभी भी पल रहा है। हम इसी के लिए खेलते हैं। एकमात्र लक्ष्य देश के लिए खेलना है। जब तक चयन नहीं होता, यह सपना ही है। लेकिन मैं एक समय पर एक ही पारी पर फोकस करना चाहूंगा। मैने कुछ अलग नहीं किया। कोई राज नहीं है। यह बरसों की मेहनत और सब्र का फल है। हर दिन मैं एक नई चुनौती की तरह लेता हूं और कोशिश करता हूं कि अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकूं।'
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करियर खत्म होने का सताने लगा था डर?
एक ऐसा भी समय था जब करुण अपने भविष्य को लेकर आशंकित थे क्योंकि घरेलू क्रिकेट में उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे। इस बारे में करुण ने कहा, 'अगर मैं कहूं कि डरा नहीं था तो वह झूठ होगा। हर किसी को ऐसा ही महसूस होता होगा लेकिन मैने कभी नहीं सोचा कि मेरा करियर खत्म हो जाएगा। मैं इतना ही सोचता था कि यह किस दिशा में जा रहा है, मैं क्या कर रहा हूं, ऐसा क्यों हो रहा है। उस दौर से बाहर आने में समय लगा और फिर मैंने खुद से कहा कि नए सिरे से आगाज करना होगा। मैंने खुद को समय दिया और अपने बारे में और अपने खेल के बारे में काफी कुछ सीखा। मैं इन सबके बिना आज इस स्थिति में नहीं होता।'