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फाइनल में युवराज से पहले धोनी को क्यों भेजा था? सचिन ने बता दी वजह

भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में एक AMA सेशन में साल 2011 में खेले गए वर्ल्ड कप के बैटिंग लाइन अप को लेकर खुलासा किया है।

Sachin Tendulkar

सचिन तेंदुलकर: Photo credit: X handle/ Sachin Tendulkar

भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है। तेंदुलकर ने बताया कि एमएस धोनी को 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजने का सुझाव उन्होंने ही दिया था। यह मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था, जहां भारत ने 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप जीता था। यह बात सचिन ने रेडिट पर एक Ask Me Anything (AMA) सेशन के दौरान बताई है।

 

साल 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल मैच में भारत को 275 रन के लक्ष्य का पीछा करना था। उस मैच में विराट कोहली 35 रन बनाकर आउट हो गए थे, जब विराट आउट हुए थे, उस समय भारत का स्कोर 114/3 था। उस समय धोनी को नंबर 5 पर खेलने के लिए भेजा गया था जबकि युवराज सिंह शानदार फॉर्म में थे और सभी को उम्मीद थी कि वही अगली बल्लेबाजी करने आएंगे। धोनी ने गौतम गंभीर के साथ मिलकर 109 रन की साझेदारी की थी। अंत तक नाबाद 91 रन (79 गेंदों में, 8 चौके और 2 छक्के) बनाकर भारत को 6 विकेट से जीत भी दिलाई थी।

 

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रेडिट पर सवाल और सचिन का जवाब

एक यूजर का सचिन से सवाल:

 

'हाय सचिन, वीरू (वीरेंद्र सहवाग) ने बताया कि धोनी को ऊपर भेजने का आइडिया आपका था। क्या यह सच है? और ऐसा क्यों किया गया?'

इस पर सचिन ने सीधे 'हां' या 'ना' नहीं कहा लेकिन उन्होंने कहा, 'इस फैसले के पीछे दो वजहें थी।'

 

सचिन ने वजह बताते हुए कहा,  'लेफ्ट-राइट बल्लेबाजी जोड़ी (Left-Right combination)- इससे श्रीलंका के दो ऑफ-स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन और सुरज रणदीव की लय बिगड़ जाती। धोनी ने मुरलीधरन को अच्छे से खेला था, क्योंकि मुरली CSK (चेन्नई सुपर किंग्स) के लिए 2008 से 2010 तक खेले और धोनी भी उस टीम के कप्तान थे। उन्होंने नेट्स में मुरलीधरन की गेंदबाजी तीन साल तक खेली थी, इसलिए उन्हें अच्छी तरह पता था कि उन्हें कैसे खेलना है।'

 

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सचिन का सपना पूरा

सचिन तेंदुलकर का यह सुझाव कामयाब रहा और धोनी की शानदार पारी के दम पर भारत ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता था। यह सचिन का आखिरी वनडे वर्ल्ड कप था और वह उस समय टीम इंडिया के टॉप स्कोरर भी थे। उन्होंने 9 मैचों में 482 रन बनाए थे, जिसमें 2 शतक और 2 अर्धशतक शामिल थे। उनका औसत 53.55 था और वह पूरे टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे।

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