वर्ल्ड बॉक्सिंग ने बड़ा फैसला लिया है। ओलंपिक-स्टाइल बॉक्सिंग की गवर्निंग बॉडी ने सभी महिला मुक्केबाजों के लिए जेंडर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। अब महिला टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए मुक्केबाजों को जेंडर टेस्ट कराना होगा। अगले महीने से इंग्लैंड में होने जा रही वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप से यह नियम लागू हो जाएगा।
कैसे होगा जेंडर टेस्ट?
महिला मुक्केबाजों का जेंडर टेस्ट पॉलिमरेज चेन रिएक्शन (PCR) या इसके जेनेटिक स्क्रीनिंग के जरिए किया जाएगा। इस टेस्ट से जन्म के समय लिंग को निर्धारित करने के लिए जरूरी Y क्रोमोसोम की मौजूदगी या गैरमौजूदगी का पता चल सकेगा। Y क्रोमोजोम का पता चलते ही 'बायोलॉजिकल सेक्स' की पहचान हो जाती है।
वर्ल्ड बॉक्सिंग के अध्यक्ष बोरिस वान डेर वोर्स्ट ने कहा, 'हम सभी व्यक्तियों की गरिमा का सम्मान करते हैं और चाहते हैं कि हमारा खेल ज्यादा से ज्यादा इनक्लूसिव हो। लेकिन बॉक्सिंग जैसे खेल में हमारी जिम्मेदारी है कि हम खिलाड़ियों की सुरक्षा और प्रतिस्पर्धा में निष्पक्षता बनाए रखें और इसीलिए यह नियम बनाया गया है।'
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अल्जीरियाई बॉक्सर की जेंडर पर मचा था बवाल
पेरिस ओलंपिक 2024 में अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खलीफ की जेंडर को लेकर काफी विवाद हुआ था। इमान खलीफ पर बायोलॉजिकल पुरुष होने के आरोप लगे थे। उनके खिलाफ इटली की एंजेला कैरिनी ने मुकाबला बीच में ही छोड़ दिया था। इमान खलीफ ने तमाम विरोधों के बीच अपनी वजन कैटेगरी में गोल्ड जीता।
हालांकि उनके जेंडर को लेकर बवाल थमा नहीं। अलग-अलग रिपोर्ट्स में उन पर पुरुष होने का आरोप लगता रहता है। इमान खलीफ ने हाल ही में जून में नीदरलैंड्स में हुए एक टूर्नामेंट में भाग लेने से इनकार कर दिया था। उनका यह फैसला उस समय आया था जब वर्ल्ड बॉक्सिंग ने जेंडर टेस्ट करने की घोषणा की थी। इमान खलीफ ने उस टूर्नामेंट में भाग लेने वाली थीं लेकिन जेंडर टेस्ट पर बात करते हुए जब वर्ल्ड बॉक्सिंग के अध्यक्ष ने उनका नाम लिया तो उन्होंने अपना मन बदल लिया।
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