दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम पर सालों से 'चोकर्स' (Chokers) का टैग आखिरकार हट गया। क्रिकेट की दुनिया में इस टैग का मतलब है- वह टीम जो आखिरी समय में जीत की ओर बढ़ते-बढ़ते हार जाती है। हालांकि, WTC Final 2025 में लॉर्ड्स के मैदान पर, यह कहानी बदल गई। कप्तान टेम्बा बावुमा और एडन मार्कराम की परफॉरमेंस ने दक्षिण अफ्रीका को 282 रनों का पीछा करते हुए जीत दिलाई और इस जीत के साथ इतिहास रच दिया गया।
दक्षिण अफ्रीका हमेशा से एक मजबूत टीम रही है लेकिन बड़े टूर्नामेंट्स में वह आखिरी कदम नहीं उठा पाती थी। कभी सेमीफाइनल में, कभी फाइनल में, तो कभी दबाव में आकर हार का यह सिलसिला 1999 विश्व कप से लेकर 2024 टी20 विश्व कप तक चला। 2024 में भारत के खिलाफ फाइनल हारने के बाद टीम और उनके प्रशंसकों के मन में एक और गहरा घाव बन गया था।
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मैदान पर दबाव और ‘चोकर्स’ शब्द
मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बार-बार दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों को 'चोक' शब्द से चिढ़ाते रहे। कप्तान टेम्बा बावुमा ने मैच के बाद कहा, 'जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे, तो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बार-बार वह डरावना शब्द ‘चोक’ कह रहे थे। हालांकि, हमने विश्वास के साथ मैदान पर उतरने का निर्णय किया था।'
इससे साफ था कि टीम पर मानसिक दबाव था लेकिन इस बार उन्होंने उस दबाव को खुद पर हावी नहीं होने दिया।
एडन मार्कराम की शानदार पारी
मैच के हीरो बने एडन मार्कराम, जिन्होंने शतक जमाया और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, 'अब हमें वह पुराना टैग नहीं सुनना पड़ेगा। हमने जीत हासिल की और पुराने सभी सवालों का जवाब दे दिया।'
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बावुमा ने भावुक होते हुए कहा कि यह जीत केवल एक ट्रॉफी नहीं है, बल्कि एक विभाजित देश को एक साथ लाने का अवसर है। 'हमारे देश में कई समस्याएं हैं। यह एक मौका है कि हम सब एक साथ आएं और इस जीत को एक उत्सव की तरह मनाएं।'