टीम इंडिया के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने जैसे लंबे समय तक विरोधी गेंदबाजों में खौफ पैदा की, अब वैसे ही उनके बेटे आर्यवीर सहवाग गदर काट रहे हैं। आर्यवीर ने कूच बिहार ट्रॉफी में दिल्ली की ओर से खेलते हुए मेघालय के खिलाफ 297 रन की आतिशी पारी खेली है, जिसमें 51 चौके और 3 छक्के शामिल रहे। 17 साल के आर्यवीर ने यह धमाल अपने पिता की तरह ही पारी का आगाज करते हुए किया है। हालांकि इतने शानदार प्रदर्शन के बावजूद उनके हाथ से फरारी फिसल गया।
एक साथ मिले दो-दो दर्द
बुधवार (20 नवंबर) से शिलॉन्ग में खेले जा रहे इस मुकाबले में मेघालय ने अपनी पहली पारी में 260 रन का बनाए थे। इसके जवाब में अर्णव बग्गा और आर्यवीर सहवाग की सलामी जोड़ी ने दिल्ली को अच्छी शुरुआत दिलाई। दोनों ने पहले विकेट के लिए 180 रन की साझेदारी की। अर्णव के आउट होने के बाद वंश जेटली के साथ मिलकर आर्यवीर ने दिल्ली की पारी आगे बढ़ाई। विकेटकीपर वंश (43) के पवेलियन लौटने पर धन्य नकरा के रूप में आर्यवीर को बढ़िया साथी मिला। दोनों ने मेघालय के गेंदबाजों की जमकर कुटाई की। दूसरे दिन (21 नवंबर) स्टंप्स से पहले आर्यवीर ने अपना दोहरा शतक पूरा किया। वहीं नकरा 98 रन पर नाबाद लौटे।
आज मुकाबले का तीसरा दिन था। आर्यवीर सहवाग के पास तिहरा शतक जड़ने का सुनहरा मौका था, लेकिन वह सिर्फ 3 रन से चूक गए। उनकी पारी की बदौलत दिल्ली ने 5 विकेट के नुकसान पर 623 रन बनाकर अपनी पारी घोषित की। आर्यवीर को एक तरफ ट्रिपल सेंचुरी से चूकने का दर्द रहा, तो दूसरी तरफ फरारी हाथ से फिसलने का दर्द भी मिला।
दरअसल, वह अपने पिता के 319 रन के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाए। वीरेंद्र सहवाग ने यह रिकॉर्ड साउथ अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में बनाया था। अगर आर्यवीर 23 रन और बना लेते तो उनके पिता की ओर से उन्हें फरारी कार गिफ्ट में मिलती। ये बात वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट करके बताया।
वीरू ने ट्वीट किया- "बहुत अच्छा खेले आर्यवीर। 23 रन से तुमने फरारी मिस कर दी। लेकिन बेहतरीन खेले हो। अपने अंदर की आग को जलाए रखो और उम्मीद करता हूं कि तुम ऐसे ही बड़े शतक, डबल सेंचुरी और ट्रिपल सेंचुरी मारते रहोगे। खेल जाओ..."
बता दें कि कूच बिहार ट्रॉफी भारतीय घरेलू क्रिकेट में अंडर-19 एज ग्रुप का सबसे बेहतरीन मल्टी-डे टूर्नामेंट है।