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टेस्ट क्रिकेट में क्या होता है फॉलोऑन, कैसे होता है लागू? जानें नियम

फॉलोऑन देने के लिए टीम के पास कितने रन की बढ़त होनी चाहिए? मल्टी-डे मैचों के लिए अलग-अलग क्या नियम हैं? सब कुछ जानिए।

KL Rahul vs Australia in Test

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट में शॉट खेलते केएल राहुल। (फोटो - BCCI)

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट गाबा में जारी है। मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 445 रन बनाए थे। इसके जवाब में भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 7 विकेट के नुकसान पर 201 रन बनाए हैं। रोहित शर्मा ब्रिगेड को फॉलोऑन बचाने के लिए 45 रन और बनाने हैं। बारिश से प्रभावित गाबा टेस्ट में चौथे दिन टी-ब्रेक तक दो पारियां पूरी नहीं हो पाई हैं। ऐसे में यह मैच ड्रॉ की ओर बढ़ता दिख रहा है। अगर भारत की पहली पारी 246 रन से पहले सिमट जाती है, तो ये तय माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम उसे फॉलोऑन के लिए मजबूर करेगी। इससे कंगारूओं के पास जीत का मौका बनेगा। दूसरी ओर भारत हर हाल में फॉलोऑन टालने की कोशिश करेगा, नहीं तो उसे फिर से बल्लेबाजी करना पड़ेगा। जानिए क्या हैं फॉलोऑन से जुड़े नियम।

 

कब लागू होता है फॉलोऑन?

 

फॉलोऑन क्रिकेट में एक ऑप्शनल नियम है। क्रिकेट कानूनों की संरक्षक संस्था - मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने लॉ 14 में इसके बारे में विस्तार से बताया है। फॉलोऑन नियम का इस्तेमाल उन मैचों में किया जाता है, जिनमें दोनों टीमों को दो-दो बार बल्लेबाजी करनी होती है।  टेस्ट क्रिकेट में अगर पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम के पास 200 रन की बढ़त है तो वह सामने वाली टीम को फॉलोऑन के लिए मजबूर कर सकती है। वहीं 3-4 दिवसीय मैचों में इस नियम का इस्तेमाल करने के लिए 150 रन की बढ़त होनी चाहिए। दो दिवसीय मैच में 100 रन की लीड पर फॉलोऑन लागू होता है।

 

कप्तान लेता है फैसला

 

फॉलोऑन देने का फैसला मैच में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम का कप्‍तान लेता है। अगर उसकी टीम मजबूत स्थिति में है तो कप्तान फॉलोऑन का ऑप्‍शन चुनता है। MCC के लॉ 14.2 के मुताबिक कप्तान को विपक्षी टीम के कप्तान और अंपायर्स को फॉलोऑन के बारे में सूचित करना होगा। एक बार फॉलोऑन देने का फैसला लेने के बाद इससे पलटा नहीं जा सकता।

 

पहले दिन खेल नहीं होने पर ये है नियम

 

अगर किसी मल्टी-डे मैच में बारिश या किसी अन्य वजह से पहले दिन खेल नहीं हो पाता है तो बाकी बचे दिनों के अनुसार फॉलोऑन का नियम लागू किया जाएगा। मान लीजिए अगर गाबा टेस्ट के पहले दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी गई होती तो फॉलोऑन लागू करने के लिए इसे 4 दिवसीय मैच माना जाता। इस तरह ऑस्ट्रेलिया 150 रन की बढ़त पर भी भारत को फॉलोऑन के लिए मजबूर कर देता। अब देखना है कि गाबा टेस्ट में भारतीय टीम 245 रन के आंकड़े को पार कर फॉलोऑन बचा पाती है या नहीं। 

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