भारत की सबसे टैलेंटेड युवा चेस प्लेयर में से एक दिव्या देशमुख ने सोमवार (16 जून) को वर्ल्ड नंबर-1 होउ यिफान को हरा दिया। 19 साल की दिव्या ने FIDE वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चेस चैंपियनशिप के सेमीफाइनल के दूसरे चरण में चिन की दिग्गज प्लेयर को मात दी। होउ यिफान ने पहले चरण में दिव्या को हराकर अपना दबदबा दिखाया था लेकिन दूसरे चरण में भारतीय खिलाड़ी ने जरबदस्त वापसी की।
जूनियर कैटेगरी की वर्ल्ड नंबर-1 दिव्या ने सफेद मोहरों से खेलते हुए शुरुआती बढ़त को भुनाया और होउ यिफान को चौंकाते हुए यादगार जीत हासिल की। वर्ल्ड नंबर-1 के खिलाफ उनकी इस बेहतरीन जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है।
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पीएम मोदी ने की तारीफ
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, 'लंदन में वर्ल्ड टीम ब्लिट्ज चैंपियनशिप के दूसरे चरण के ब्लिट्ज सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी होउ यिफान को हराने पर दिव्या देशमुख को बधाई। उनकी सफलता उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। यह उपलब्धि कई उभरते चेस खिलाड़ियों को भी प्रेरित करेगी। उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं।'
देश के लिए मेडल जीतने की प्रेरणा मिली
प्रधानमंत्री से तारीफ मिलने के बाद दिव्या का भी बयान आया है। उन्होंने ANI से कहा, 'मैं बहुत खुश हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत अच्छी बातें लिखी हैं जो उत्साह बढ़ाने वाली हैं और प्रेरक हैं। इससे बहुत अच्छा फील हो रहा है और मुझे भविष्य में भारत के लिए मेडल जीतने की प्रेरणा मिली'
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कौन हैं दिव्या देशमुख?
9 दिसंबर 2005 को दिव्या का जन्म नागपुर में हुआ था। डॉक्टर्स की फैमिली से आने वाली दिव्या को 5 साल की उम्र में ही चेस का चस्का लग गया। उन्होंने धीरे-धीरे इस खेल पर महारत हासिल करनी शुरू की और 2012 में अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीता। इसके बाद उन्होंने अंडर-10 और अंडर-12 कैटेगरी में वर्ल्ड युथ टाइटल्स भी जीते। दिव्या ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और अक्टूबर 2021 में महिला ग्रैंडमास्टर बनीं। उन्होंने पिछले साल चेस ओलंपियाड में भारतीय टीम को गोल्ड मेडल जिताने में अहम भूमिका निभाई थी।