भारतीय चेस खिलाड़ियों का दुनिया में डंका बज रहा है। शुक्रवार (8 मार्च) को अरविंद चिदंबरम ने कई दिग्गज खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए जहां प्राग मास्टर का खिताब अपने नाम किया, वहीं दूसरी ओर 18 साल के प्रणव वेंकटेश ने वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप (अंडर-20) जीत ली। मोंटेनेग्रो के पेट्रोवाक में वेंकटेशन ने 11वें और आखिरी राउंड में स्लोवेनिया के मैटिक लेवरेंसिक के खिलाफ ड्रॉ खेलकर चैंपियनशिप अपने नाम की।
17 साल बाद किसी भारतीय खिलाड़ी ने जीता खिताब
वेंकटेश वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप का ओपन टाइटल जीतने वाले चौथे भारतीय खिलाड़ी बने हैं। उन्होंने 17 साल का सूखा भी खत्म किया है। आखिरी बार 2008 में अभिजीत गुप्ता ने यह चैंपियनशिप जीती थी। इससे पहले विश्वनाथन आनंद (1987) और पी हरिकृष्णा (2004) जूनियर वर्ल्ड चैंपियन बने थे।
यह भी पढ़ें: बुमराह की मेडिकल रिपोर्ट ठीक, फिर भी चिंता में क्यों है मुंबई इंडियंस?
वेंकटेश ने पिछले साल चेन्नई इंटरनेशनल में चैलेंजर्स वर्ग में बाजी मारी थी। उन्होंने दुनिया के जूनियर खिलाड़ियों के बीच इसी फॉर्म को जारी रखा और पूरे टूर्नामेंट में अजेय रहते हुए चैंपियनशिप जीती। भारतीय ग्रैंडमास्टर ने कुल 7 जीत और 4 ड्रॉ के साथ संभावित 11 में से 9 पॉइंट हासिल किए। जब आखिरी राउंड की जोड़ी का ऐलान हुआ तभी यह कन्फर्म हो गया था कि वेंकटेश को खिताब अपने नाम करने के लिए सिर्फ ड्रॉ की जरूरत है।
कौन हैं प्रणव वेंकटेश?
प्रणव वेंकटेश का जन्म 13 अक्तूबर 2006 को बेंगलुरु में हुआ था। प्रणव ने महज 6 साल की उम्र में ही चेस खेलना शुरू किया और 2022 में भारत के 75वें ग्रैंडमास्टर बने। प्रणव चेन्नई के वेल्लमा स्कूल के छात्र हैं। इस स्कूल को चेस की फैक्ट्री भी कहा जाता है। वेल्लमा स्कूल ने भारत को 17 ग्रैंडमास्टर दिए हैं। वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश, आर प्रज्ञानंद, ए अधिबान और एसपी सेथुरमन जैसे ग्रैंडमास्टर इसी स्कूल से निकले हैं।
यह भी पढ़ें: ICC फाइनल में कैसा है रोहित शर्मा का प्रदर्शन? डरा सकते हैं ये आंकड़े
वेंकटेश वेस्टब्रिज आनंद चेस एकेडमी के लिए चुने जाने के बाद वेंकटेश के खेल में निखार आया है। इस एकेडमी की स्थापना विश्वनाथन आनंद ने की थी। एकेडमी के लिए विश्वनाथन आनंद खुद छात्रों का चयन करते हैं और उनके मेंटर की भूमिका निभाते हैं।