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वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश को हराकर जीता खिताब, कौन हैं आर प्रज्ञानानंदा?

ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा ने वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश को टाई-ब्रेकर में हराकर टाटा स्टील मास्टर्स 2025 का खिताब जीत लिया है। 19 साल के प्रज्ञानानंदा छोटी उम्र में ही कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं।

R Praggnanandhaa

ट्रॉफी के साथ आर प्रज्ञानानंदा। (Photo Credit: FIDE/X)

आर प्रज्ञानानंदा ने टाटा स्टील मास्टर्स 2025 जीत लिया है। प्रज्ञानानंदा ने रविवार (2 फरवरी) को रोमांचक टाई-ब्रेकर में वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश को हराकर टाइटल अपने नाम किया। गुकेश टूर्नामेंट में अजेय चल रहे थे लेकिन उन्हें एक ही दिन में दो-दो हार मिली। उन्हें पहले अर्जुन एरिगैसी ने हराया और फिर प्रज्ञानानंदा ने मात देकर खिताब से दूर कर दिया। प्रज्ञानानंदा दिग्गज चेस प्लेयर विश्वनाथन आनंद (2006) के बाद टाटा स्टील मास्टर्स का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने हैं।

 

प्रज्ञानानंदा की धांसू वापसी

 

वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद पहली बार किसी टूर्नामेंट में खेलने उतरे गुकेश 12वें राउंड की समाप्ति तक तक टॉप पर चल रहे थे। हालांकि 13वें राउंड में उन्हें एरिगैसी ने मात दे दी, जिससे उनके टाइटल जीतने की उम्मीदों को करारा झटका लगा। गुकेश की हार के बाद प्रज्ञानानंदा को खिताब जीतने के लिए विंसेंट कीमर के खिलाफ ड्रॉ की जरूरत थी, लेकिन 6 घंटे तक चले मैराथन मुकाबले में प्रज्ञानानंद को भी हार का सामना करना पड़ा। प्रज्ञानानंदा और गुकेश 8.5-8.5 पॉइंट की बराबरी पर आ गए। अब टूर्नामेंट के विजेता का फैसला टाई-ब्रेकर में होना था। 

 

रैपिड टाई-ब्रेक के पहले गेम में प्रज्ञानानंदा ने बड़ी गलती की जिसका फायदा उठाकर गुकेश ने जीत हासिल कर ली। इसके बाद प्रज्ञानानंदा ने धांसू वापसी करते हुए गुकेश को हराया और मुकाबले को सडन डेथ में पहुंचा दिया। सडन डेथ में प्रज्ञानानंद ने गुकेश को कोई मौका नहीं दिया और उन्हें हराकर खिताब पर अपना कब्जा जमा लिया। 

 

 

प्रज्ञानानंदा की बहन भी हैं ग्रैंडमास्टर

 

प्रज्ञानानंदा का पूरा नाम रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा है। उनका जन्म 10 अगस्त 2005 के रोज चेन्नई में हुआ। उनकी बड़ी बहन वैशाली भी ग्रैंडमास्टर हैं। प्रज्ञानानंदा ने वैशाली को देखकर ही चेस खेलना शुरू किया। प्रज्ञानानंदा और वैशाली ग्रैंडमास्टर टाइटल हासिल करने वाली दुनिया की पहली भाई-बहन की जोड़ी है। प्रज्ञानानंदा और वैशाली ने 2024 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी क्वालिफाई करके बड़ा रिकॉर्ड बनाया था, तब वे इस टूर्नामेंट के इतिहास में पहुंचने वाली पहली भाई-बहन की जोड़ी बने थे। प्रज्ञानानंदा के पिता बैंक में काम करते हैं, वहीं उनकी मां नागलक्ष्मी हाउसवाइफ हैं। 


प्रज्ञानानंदा की छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धियां 

 

प्रज्ञानानंदा पहली बार तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने 2013 वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप में अपनी पहली ट्रॉफी जीती। प्रज्ञानानंदा जून 2018 में 12 साल 10 महीने की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए थे। यह उपाधि हासिल करने वाले वह दुनिया के दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने। इससे पहले उन्होंने 2016 में सबसे कम उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बनने का खिताब अपने नाम किया था। चेस में ग्रैंडमास्टर के बाद इंटरनेशनल मास्टर खिलाड़ियों की दूसरी बड़ी कैटेगरी होती है। प्रज्ञानानंदा, विश्वनाथन आनंद के बाद FIDE वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय हैं।

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