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स्वैग वाले YUZI की जिंदगी नहीं है Easy! समझिए क्या झेल रहे हैं चहल

एक बार फिर से युजवेंद्र चहल चर्चा में हैं। वजह फिर से उनकी पत्नी धनश्री चहल और दोनों के रिश्ते हैं। दोनों तरफ से सोशल मीडिया पोस्ट भी आई हैं लेकिन दोनों की ट्रोलिंग जारी है।

yuzvendra chahal

युजवेंद्र चहल, Photo Credit: PTI

'बात 2013 की है। तब मैं मुंबई इंडियंस के साथ था। बेंगलुरू में हमारा मैच था। मैच के बाद गेट टुगेदर पार्टी हुई। जिसमें एक खिलाड़ी शराब के नशे में धुत थे, मैं उनका नाम नहीं लूंगा। उन्होंने मुझे बुलाया और पंद्रवें माले की खिड़की से नीचे लटका दिया। मैंने अपनी गर्दन के पीछे हाथ से उन्हें पकड़ रखा था, अगर हाथ छोड़ देता तो नीचे गिर जाता।' मौत को बहुत क़रीब से देखकर लौटे ये भारतीय स्टार स्पिनर युजवेंद्र चहल थे। जिन्होंने साल 2022 में बीबीसी को अपनी कहानी सुनाई थी। चहल की यह कहानी कई सवाल पूछती है कि देश के लिए किसी के योगदान और उसकी काबिलियत को नीचे रखकर उसे ज़लील करने पर ज़्यादा ध्यान क्यों दिया जाता है? क्यों उसके हुनर को नज़रअंदाज़ कर उसके शरीर पर बातें की जाती हैं?

 

युजवेंद्र चहल इसी तरह का एक उदाहरण बनकर रह गए हैं। जिन्हें कभी अपनों के बीच तो कभी सोशल मीडिया पर बॉडी शेमिंग का शिकार होना पड़ता है। चहल के लिए बॉडी शेमिंग को तब और ज़्यादा बल मिला जब ख़बरें उड़ीं कि युजवेंद्र चहल और धनश्री का तलाक होने वाला है। सोशल मीडिया पर चहल के लिए ऊल-जुलूल लिखने वालों की जैसे बाढ़ सी आ गई। मगर कोई भी ये बात करने को तैयार नहीं है कि चहल ने कितने संघर्षों से खुद को भारतीय क्रिकेट टीम का स्टार बनाया है। जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे।
मगर सबसे पहले वो बात जिसकी वजह से चहल अचानक ख़बरों में आ गए।

अब क्या हुआ?

 

चहल और धनश्री ने एक-दूसरे को इंस्टाग्राम पर अनफॉलो कर दिया। जिसके बाद कयास लगने लगे कि दोनों का तलाक होना वाला है। तलाक के बीच कई कारण निकलकर सामने आन लग गए। कहा जाने लगा कि काफी वक्त से चहल और धनश्री को एक साथ कैमरे में नहीं देखा गया। गणेश पूजन, दीपावली और कई त्योहार बीत गए जब दोनों साथ नहीं दिखाई दिए। 23 जुलाई को जब चहल का बर्थडे था तो धनश्री वे लिखा- ‘ग्रेटेस्ट स्पिनर एंड अ विनर, टीम को जीत दिलाने के लिए आपका जो जुनून है और प्रतिभा है वह आपकी सबसे बड़ी खूबी है। भगवान आप पर आशीर्वाद बनाए रखे। मैं हमेशा आपकी सबसे बड़ी चीयरलीडर रहूंगी। जन्मदिन बहुत मुबारक युजवेंद्र चहल।

 

ट्रोलर्स को ये पसंद नहीं आया। ट्रोलर्स के हिसाब से ये पोस्ट सिर्फ क्रिकेटर के लिए था एक पति के लिए नहीं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर धनश्री का नाम कुछ लोगों से भी जोड़ा जाने लगा जैसे श्रेयर अय्यर और प्रतीक उतेकर से। इन सबके बीच जो एक चीज़ साथ-साथ चलीं वो युजवेंद्र चहल की बॉडी शेमिंग।

 

 

हालांकि, इन तमाम बातों को नज़रअंदाज़ करते हुए चहल अक्सर धनश्री को सपोर्ट करते रहे। जनवरी 2024 की बात है। युजवेंद्र चहल धनश्री को सपोर्ट करने के लिए मशहूर टीवी शो झलक दिखला जा में पहुंचे थे क्योंकि धनश्री उस शो का हिस्सा थीं। इस शो की रैप-अप पार्टी से एक वीडियो सामने आया। जिसमें पहलवान संगीता फोगाट, युजवेद्र चहल को अपने कंधे पर उठाकर घुमा रही हैं। चहल, संगीता से रुकने का इशारा करते हैं मगर वो घुमाती जाती हैं। वीडियो वायरल हुआ तो ट्रोलर्स भी एक्टिव हो गए। कुछ ने चहल को बॉडी बनाने की राय दे दी, तो कुछ ने चहल की बॉडी वेट का मज़ाक बनाया। 

क्या है वायरल वीडियो का सच?

 

इन सबके बीच चर्चा एक और हुई कि चहल को उठाने वाली धनश्री थीं क्या? ट्रोलर्स बोलने लगे कि उनका उनकी पत्नी के साथ बहुत ख़राब रिश्ता है। मैंने तो कभी नहीं देखा कि कोई पति के साथ ऐसा करे। ख़ैर जैसा कि सभी को पता है कि वो धनश्री नहीं संगीता फोगाट थीं।


बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं होती। शो के बाद धनश्री वर्मा की तस्वीरें कई मेल कलाकारों के साथ वायरल हुईं, तब सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया गया। जिसे लेकर धनश्री ने सोशल मीडिया पर सफाई भी दी। चहल ने भी सपोर्ट किया, और कहा कि इस तरह की चीज़ों को फैलाना बंद करो।

 

चहल के फैंस या फिर जो लोग चहल को फॉलो करते हैं उन्हें मालूम होगा कि वो अक्सर खिलाड़ियों के साथ मटगश्ती करते नज़र आते हैं। खेल के बीच में या फिर बाद में वो अंपायरों के साथ भी मज़ाक कर लिया करते हैं। चहल अक्सर अपने स्टाइल के लिए भी मीम्स का शिकार हो जाते हैं। जब ज़मीन पर कंधे झुकाकर, टांगों पर टांगे रखकर बैठते हैं। उनकी ऐसी एक तस्वीर पर ट्रोलर्स ने लिखा कि उनकी पर्सनैलिटी को ये कूलनेस शोभा नहीं देती।

 

2019 वनडे वर्ल्ड कप की बात है। भारत ने श्रीलंका के खिलाफ 7 विकेट से आसान जीत हासिल की। रोहित शर्मा और केएल राहुल ने शतक जड़े थे। जसप्रीत बुमराह ने तीन विकेट लिए थे। यानी ये तीनों जीत के हीरो थे। मगर इन तीनों से ज़्यादा फैंस का ध्यान खींचा बाउंड्री के बाहर ड्रिंक्स लेकर बैठे युजवेंद्र चहल ने। चश्मा लगाकर अपनी यूनीक स्टाइल में बैठे चहल के स्वैग को यूज़र्स ने पहचान लिया। फिर मीम्स की बाढ़ आ गई। क्योंकि चहल के अगल-बगल भारतीय क्रिकेट टीम की दो जर्सियां टंगी थीं, तो यूज़र्स बोले दोपहर बाद वाले दुकानदार। बहुत लोगों ने चहल का मज़ाक भी बनाया।

 

मीम्स तक बात ठीक थी लेकिन अब एक खिलाड़ी की निजी जिंदगी में लोग चटखारे ले रहे हैं।  कई दिनों से सोशल मीडिया पर चहल और धनश्री के डिवोर्स के कयास लगाए जा रहे हैं। धनश्री को ट्रोल किया जा रहा है लेकिन युजवेंद्र चहल के बारे में भी तमाम अनाप-शनाप बातें लिखी जा रही हैं। युजवेंद्र चहल होना क्या गुनाह है? शायद हां। चहल की तमाम उपलब्धियां, खिलाड़ी के तौर पर उनका सफर, ट्रोलर्स के लिए कोई मतलब नहीं रखता। 

युजवेंद्र चहल की कहानी
 
युजवेंद्र चहल का जन्म 23 जुलाई 1990 को हरियाणा के जींद में हुआ था। पिता केके चहल वकील थे और मां सुनीता देवी हाउस वाइफ। पिता यूनिवर्सिटी लेवल के क्रिकेटर थे जो फॉर्मर इंडियन प्लेयर युजविंद्र सिंह के फैन थे। यही कारण है कि केके चहल ने अपने बेटे का नाम युजविंद्र सिंह के नाम पर रख दिया। पढ़ाई के साथ-साथ चहल के पेरेंट्स ने उन्हें चेस से इंट्रोड्यूस कराया। साल 2002 में चहल अंडर 12 नेशनल चिल्ड्रन्स चेस चैंपियनशिप में चैंपियन भी बने। चहल प्रोफेशनल प्लेयर बनना चाहते थे। साल 2003 में चहल ने अंडर 12 एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप में इंडिया को रिप्रेजेंट किया। टूर्नामेंट केरल में हुआ, जिसमें चहल 13वीं पोज़ीशन पर रहे। इस टूर्नामेंट में युजवेंद्र चहल के ग्रुप में डिंग लिरेन भी थे, जो कुछ दिनों पहले वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में भारत के डी गुकेश से हारे हैं।

 

2003 में ग्रीस में वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में वो 67वीं पोज़ीशन पर थे। हायर लेवल पर चेस खेलने के लिए उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग की ज़रूरत थी। मगर फीस महंगी थी। मजबूरन चहल ने ये गेम छोड़ दिया। युजवेंद्र चहल का नाम आज भी FIDE की वेबसाइट यानी इंटरनेशनल चेस फ्रेडरेशन में दर्ज है। साल 2023 में चहल टेक महिंद्रा ग्लोबल चेस लीग में एसजी अल्पाइन वॉरियर्स का समर्थन करने पहुंचे थे। तब उन्होंने कहा था कि उन्हें पहली जर्सी शतरंज में मिली थी। इस खेल ने धैर्य सिखाया है। शतरंज ने क्रिकेट में बहुत मदद की। कई बार अच्छी गेंदबाज़ी के बाद भी विकेट नहीं मिलता तो धैर्य रखने की ज़रूरत होती है, जो शतरंज ने सिखाई है। चहल ने मज़ाक-मज़ाक में ये भी कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम में कोई ऐसा नहीं जो मुझे चेस में हरा सके।

 

चेस के साथ-साथ चहल अपने स्कूल टाइम में क्रिकेट भी खेलते थे। उन्होंने चेस छोड़ा तो क्रिकेट पर फोकस किया। एक बार फिर चहल के पिता ने उनका सपोर्ट किया। क्योंकि जींद में कोई अच्छी क्रिकेट एकेडमी नहीं थी, तो उनके पिता ने गांव की ज़मीन में पिच बनवाई। जिसपर चहल बैटिंग प्रैक्टिस करते थे। दूसरे टर्फ पर वो बॉलिंग करते थे। चहल आसपास के बच्चों के साथ खेलकर खुद भी सीखते थे। कुछ दिनों बाद अच्छी ट्रेनिंग के लिए चहल ने जींद क्रिकेट स्टेडियम जाना शुरू किया। वहां कोच विनोद माता के अंडर में क्रिकेट के बेसिक्स सीखे। बाद में डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ में एडमिशन लिया। जहां उन्होंने कई कॉम्पटीटिव मैचे खेले। स्कूल टाइम में चहल मीडियम पेस बॉलिंग करते थे। मगर आज वो एक स्पिन गेंदबाज़ हैं। इसके पीछे की कहानी टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में चहल के दोस्त पियूष सचदेवा ने बताई। 

कैसे बन गए स्पिनर?

 

सचदेवा कहते हैं कि चहल के पिता ही उसे स्पिन गेंद फेंकने को कहते थे, क्योंकि उसका शरीर तेज़ गेंदबाज़ी के लिए उपयुक्त नहीं है। मगर फिर भी जब उसके पिता नहीं होते तब वो मीडियम पेस ही फेंकता। हालांकि जब उसने स्पिन गेंदबाज़ी को अपना रूटीन बनाया तो बहुत सफल हुआ। 10 साल की उम्र में उनका अंडर 14 हरियाणा टीम में सेलेक्शन हुआ। धीरे-धीरे वो ऊपर बढ़ते गए, बेहतर फेसिलिटी के लिए वो दिल्ली के कोच रनधीर सिंह के साथ शिफ्ट हो गए। इस बीच उन्हें बेंगलुरू की नेशनल क्रिकेट अकेडमी में तीन बार प्रेक्टिस करने का मौका मिला।

 

साल 2006-07 और 08 में प्रवीण आमरे और डेव वाटमोर के अंडर में कैंप लगा। जिसमें चहल शामिल हुए और यहां उन्होंने क्रिकेट की बारीकियां सीखीं। अंडर 17 और अंडर 19 में हरियाणा टीम के कैप्टन भी बने। 2009 अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी में वो हाइएस्ट विकेट टेकर थे। पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने 34 विकेट लिए। 300 रन भी बनाए। इस परफॉर्मेंस के बाद उनका हरियाणा रणजी टीम में सेलेक्शन हुआ। 3 नवंबर 2009 को उन्होंने मध्यप्रदेश के खिलाफ फर्स्ट क्लास डेब्यू किया। उस सीज़न उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले। इस टूर्नामेंट में चहल ने 3 टेस्ट खेले। जिसमें 5 विकेट लिए।

 

 

10 फरवरी 2010 को अपना डेब्यू लिस्ट ए क्रिकेट में किया। साल 2011 में आईपीएल की टीम मंबई इंडियंस ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया। उस सीज़न उन्हें एक भी मैच नहीं मिला। मगर इसी साल दक्षिण अफ्रीका में खेली गई चैंपियंस लीग में मुंबई इंडियंस ने उन्हें अपनी टीम में रखा, उस टूर्नामेंट के हर मैच में चहल प्लेइंग 11 में थे। आरसीबी के खिलाफ फाइनल में 3 ओवर में सिर्फ 9 रन देकर 2 विकेट झटके। मुंबई इंडियंस को टाइटल जितवाया। इतने बढ़िया परफॉर्मेंस के बावजूद उन्हें अगले 2 सीज़न में उन्हें एक भी मैच नहीं मिला। क्योंकि मुंबई इंडियंस के पास पहले से हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा जैसे दिग्गज थे।

 

मगर चहल का टैलेंट लोग देख चुके थे। साल 2014 के आईपीएल ऑक्शन में आरसीबी ने 10 लाख के बेस प्राइस पर चहल को अपनी टीम में शामिल कर लिया। उस आईपीएल में उनका परफॉरमेंस ज़बरदस्त था। टूर्नामेंट में उन्होंने 14 मैच में 12 विकेट लिए थे। इकॉनॉमी रही सिर्फ 7।01 की।  अगले साल 2015 में उनका प्रदर्शन और ज़बरदस्त था, टूर्नामेंट के 15 मैचों में चहल ने 23 विकेट लिए। 2016 में चहल ने एक बार फिर आरसीबी के लिए बेहतरीन परफॉमेंस दी। टूर्नामेंट के 13 मैच में 21 विकेट लिए।

 

चहल की लगातार बेहतरीन परफॉर्मेंस पर इंडियन क्रिकेट टीम के सेलेक्टर्स की नज़र गई। जून 2016 में उन्हें भारतीय टीम में शामिल कर लिया गया। 11 जून 2016 को चहल ने जिम्बॉब्वे के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया। इस मैच में चहल ने 10 ओवर फेंके और 29 रन देकर 1 विकेट लिया। यानी इकॉनॉमी के लिहाज़ से बहतरीन गेंदबाज़ी। अगले मैच में चहल की फिरकी में 3 बल्लेबाज़ फंसे। सिर्फ 26 रन दिए और टीम को 8 विकेट से मैच जितवा दिया। उसी टूर पर चहल ने 18 जून 2016 को चहल ने अपना टी-20 डेब्यू कर लिया। धीरे-धीरे वो टी-20 के स्पेसिलिस्ट माने जाने लगे। 

कनकशन खिलाड़ी जिसे मैन ऑफ द मैच मिला

 

1 फरवरी 2017 को चहल ऐसे पहले भारतीय गेंदबाज़ बने, जिसने टी-20 में पांच विकेट लिए हों। बेंगलुरू में खेले गए इंग्लैंड के खिलाफ इस मुकाबले में चहल ने 25 रन देकर 6 विकेट लिए थे। इसके बाद चहल के सितारे बुलंदी पर ही गए। लगातार बेहतरीन गेंदबाजी के चलते चहल को 2019 वनडे वर्ड कप में जगह मिली। टूर्नामेंट के 8 मैचों में चहल ने 12 विकेट लिए थे।

 

5.97 की इकॉनॉमी के साथ। 4 दिसबर 2020 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 मैच में उन्होंने रवींद्र जडेजा कनकशन सब्सटीट्यूट के चौर पर रिप्लेश किया। फिर इस मैच में वो मैन ऑफ द मैच बने। कनकशन का अर्थ होता है। जब कोई फिट खिलाड़ी चोटिल खिलाड़ी को रिप्लेस करता है। चहल ऐसे पहले कनकशन खिलाड़ी थे जिन्होंने मैन ऑफ द मैच का ख़िताब जीता था। इंटरनेशनल क्रिकेट के साथ वो आईपीएल में भी लगातार बढ़िया प्रदर्शन कर रहे थे। मगर 2021 टी-20 विश्व कप में उन्हें जगह नहीं मिली, जिसपर काफी सवाल भी खड़े हुए थे लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत में कोताही नहीं बरती। 

 

2022 में चहल को राजस्थान रॉयल्स ने अपनी टीम में शामिल कर लिया। आईपीएल 2022 में चहल ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और 17 मैचों में 7.75 के इकोनॉमी रेट से 27 विकेट हासिल किए। फ्रेंचाइजी ने उन्हें 2023 आईपीएल सीजन के लिए बरकरार रखा, जिसमें उन्होंने 21 विकेट अपने नाम किए। 2024 आईपीएल में चहल ने राजस्थान के लिए 15 मैचों में 18 विकेट हासिल किए।

 

आईपीएल करियर की बात करेंगे तो युजवेंद्र चहल ने कुल 160 मैच खेले हैं। 205 विकेट लिए हैं। 7.84 की इकॉनॉमी के साथ। इसमें एक बार 5 विकेट भी शामिल हैं। चहल ने भारत के लिए 72 वनडे मैच खेले हैं। 121 विकेट लिए हैं। ज़बरदस्त 5.26 की इकॉनॉमी के साथ। उन्होंने 2 बार पांच विकेट भी लिए हैं। 80 टी-20 मैचों में चहल ने 96 विकेट लिए हैं। रन दिए हैं 8.19 की इकॉनॉमी के साथ। एक बार पांच विकेट भी झटका है। किसी भी खिलाड़ी का करियर ढलान पर आना कोई बड़ी बात नहीं। मगर अभी तक जो उसने हासिल कर लिया। ये बहुत कम लोगों को ही मिलता है। 

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