अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 119 भारतीय प्रवासियों में 2 गोवा के नागरिक भी थे जो शनिवार रात अमृतसर पहुंचे। दोनों रविवार दोपहर गोवा के डाबोलिम हवाई अड्डे पर पहुंचे और पुलिस और हवाई अड्डे के अधिकारियों के सामने अपने बयान दर्ज कराए। दोनों ने बताया कि एक एजेंट ने उन्हें सलाह दी थी कि वे शरण मांगकर कानूनी रूप से अमेरिका में प्रवेश कर सकते हैं और उनके एजेंट दोनों को सुरक्षित तरीके से दोनों को कार्गो जहाज में मैक्सिको से अमेरिका ले जाएंगे।
गोवा के 20 वर्षीय नागरिक ने बताया कि उन्हें मैक्सिको-अमेरिका सीमा के पास चाकू की नोंक पर लूटा गया, सीमा की दीवार पर चढ़ने और अमेरिका में न घुसने के कारण कई बार प्रताड़ित किया गया। जब दोनों ट्रकों के लिए खुले सीमा द्वार से भागने की कोशिश करने लगे तो अमेरिकी अधिकारियों ने दोनों को पकड़ लिया। बता दें कि दोनों गोवावासी 'डंकी' रूट के जरिए अमेरिका जा रहे थे।
कंसल्टेंट से मिला, दिए 15 लाख
एक ने बयान में बताया कि उसने 2020 में एक कंटन्यू डिस्चार्ज कोर्स किया था। उसे एक जहाज पर विदेश में काम करना था। उसके बयान के अनुसार, पिछले साल सितंबर में, गोवा के एक रिसॉर्ट में काम करते समय, उसकी मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से हुई, जो वास्को में एक 'कंसल्टेंसी' चलाता था। उसने दावा किया कि वह लोगों को काम के लिए कानूनी रूप से अमेरिका भेजता है।
'कंसल्टेंट' ने 15 लाख रुपये मांगे और उसे तीन महीने में अमेरिका भेजने और वहां एक होटल में नौकरी दिलाने की पेशकश की। 25 वर्षीय व्यक्ति ने उसे 10 लाख रुपये दिए और अपना पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज शेयर किया। डील के अनुसार अमेरिका पहुंचने के बाद बाकी पैसे देने थे। दूसरे गोवा निवासी 23 वर्षीय युवक ने जे1 वीजा के लिए आवेदन किया था और उसने एक एजेंट को 1.5 लाख रुपये का भुगतान किया था लेकिन कुछ हो नहीं पाया।
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सीढ़ी की मदद से पार करवा रहे थे सीमा
इस बीच, मई 2024 में एक एजेंट से मिला और उसे अमेरिका भेजने के लिए 8 लाख रुपये दिए। एजेंट ने उसे बताया कि वह शरण मांगकर अमेरिका में प्रवेश कर सकता है अगर वह वहां अधिकारियों को बता दे कि 'भारत में उसके दुश्मन हैं जो उसे मारना चाहते हैं।' 20 जनवरी को, दोनों गोवा से मुंबई गए और बाद में इस्तांबुल के लिए उड़ान भरी। वे एक और उड़ान में सवार हुए और 22 जनवरी को मैक्सिको पहुंचे, जहां वे एक दिन के लिए एक होटल में रुके। अगले दिन, उन्हें तिजुआना शहर ले जाया गया, जहां एजेंट के संपर्क में रहने वाला एक ‘चिनो’ और उसके सहयोगी उन्हें सीढ़ी की मदद से दीवार पर चढ़कर सीमा पार ले गए।
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मेहनत, पैसे और सपने टूटे
25 वर्षीय युवक ने कहा कि वे दीवार पार नहीं कर पाने के बाद उन्हें बहुत यातनाएं दी गई। इसके बाद सीमा पर उन्हें चाकू की नोंक पर लूट लिया गया, उनके फोन, घड़ियां और पैसे - भी छीन लिए गए। गोवा के दोनों नागरिकों को सैन डिएगो में सीमा पार करके अमेरिका की ओर भागने के लिए कहा। जब ट्रकों के लिए सीमा गेट खुला तो दोनों सीमा की ओर भागने लगे। हालांकि, दोनों को अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने तुंरत पकड़ लिया।