आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज की मुश्किलें बढ़ सकती है। मंगलवार को सुबह-सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने उनके घर पर छापा मारा है। यह छापेमारी हॉस्पिटल कंस्ट्रक्शन में कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में हो रही है।
अधिकारियों ने बताया कि हॉस्पिटल कंस्ट्रक्शन में अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सौरभ भारद्वाज के घर छापा मारा गया है।
न्यूज एजेंसी ANI ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि ED की टीम सौरभ भारद्वाज के घर के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर में उनसे जुड़े 12 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?
आम आदमी पार्टी ने सौरभ भारद्वाज के घर पर ED की छापेमारी को 'ध्यान भटकाने की रणनीति' बताया और दावा किया कि उनके खिलाफ मामला पूरी तरह झूठा है।
पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'यह छापेमारी केवल ध्यान भटकाने की कोशिश है। मामला उस समय का है जब भारद्वाज किसी मंत्री पद पर नहीं थे। यह मामला झूठा और बेबुनियाद है।'
वहीं, पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी इस मामले को झूठा और बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा, 'सौरभ भारद्वाज के खिलाफ दर्ज मामला झूठा और निराधार है। जिस समय ED ने मामला दर्ज किया था, उस समय वह मंत्री भी नहीं थे। AAP नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करना और उन्हें जेल में डालना मोदी सरकार की नीति है। यह सभी AAP नेताओं को एक-एक करके परेशान करने और जेल में डालने के लिए किया जा रहा है।'
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी की फर्जी डिग्री के मामले से ध्यान हटाने के लिए यह छापेमारी की जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान हेल्थ से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सौरभ भारद्वाज के खिलाफ केस दर्ज किया था। पिछली AAP सरकार में सौरभ भारद्वाज स्वास्थ्य मंत्री थे। इसे लेकर 6 मई को एलजी वीके सक्सेना ने सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की थी।
इसी साल जून में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सौरभ भारद्वाज के खिलाफ जांच शुरू करने को मंजूरी दी थी। ACB के केस के आधार पर ही ED ने भी केस दर्ज किया था।
इसकी शुरुआत तब हुई जब पिछले साल अगस्त में बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने शिकायत की थी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन मंत्रियों- सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। विजेंद्र गुप्ता अब दिल्ली विधानसभा के स्पीकर हैं।
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आरोप क्या लगे थे?
आरोप लगाया गया कि 2018-19 में दिल्ली सरकार ने 2018-19 में 24 अस्पतालों के लिए 5,590 करोड़ रुपये को मंजूरी दी थी, लेकिन इसका काम पूरा नहीं किया गया।
विजेंद्र गुप्ता ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया था कि 1125 करोड़ रुपये की लागत से 6,800 बेड वाले ICU अस्पताल बनाने को भी मंजूरी दी गई थी लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद और 800 करोड़ खर्च हो जाने के बाद भी इनका सिर्फ 50% काम ही पूरा हुआ है।
उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि LNJP अस्पताल में 465.52 करोड़ रुपये की लागत से नया ब्लॉक बनाया जाना था लेकिन 4 साल में इसकी लागत बढ़ गई 1,125 करोड़ रुपये हो गई। यह पैसों की हेराफेरी की ओर इशारा करता है।