एक तरफ फिलिस्तीन के गाजा में लाखों लोग मारे गए हैं, जिसको लेकर पूरी दुनिया फिक्रमंद है। वहीं अहमदाबाद में गाजा के पीड़ितों के नाम पर पैसे उगाही करने का मामला सामने आया है। इस मामले में शुक्रवार को अहमदाबाद पुलिस ने एक 23 साल के सीरियाई व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इस सीरियाई नागरिक पर खुद को गाजा का नागरिक बताकर गुजरात की मस्जिदों को गुमराह करके युद्ध पीड़ितों के लिए पैसे उगाही करने का आरोप है।
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने इस शख्स को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि उसने गाजा में भूखे परिवारों की मदद करने के बहाने इकट्ठा किए गए पैसों का इस्तेमाल आलीशान लाइफस्टाइल के लिए कर रहा था।
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होटल से हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने बताया कि आरोपी का नाम अली मेघात अल-अजहर है। आरोपी को एलिसब्रिज इलाके के एक होटल से गिरफ्तार किया गया है, जबकि मौके पर मौजूद उसके तीन साथी वहां से भाग निकले। यह मामला सामने आने के बाद गुजरात ATS और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) पैसों के स्रोत का पता लगाने और यह पता लगाने के लिए जांच में जुट गए हैं कि क्या गिरोह की गतिविधियां देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा तो नहीं हैं।
दमिश्क का रहने वाला है आरोपी
अली मेघात अल-अजहर सीरिया की राजधानी दमिश्क का रहने वाला है। अल-अजहर 22 जुलाई को पर्यटक वीजा पर भारत आया था। वह सबसे पहले कोलकाता आया। इसके बाद वह उसने भारत में कई राज्यों की यात्रा की। 2 अगस्त को वह अहमदाबाद पहुंचा। वह सीरियाई नागरिक जकारिया हैथम अलजार, अहमद अलहबाश और यूसुफ अल-जहर के साथ होटल रीगल रेजीडेंसी में ठहरा था।
क्राइम ब्रांच ने अल-अजहर को 3,600 डॉलर और 25,000 रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके तीनों साथियों के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया है। तीनों अंडरग्राउंड चल रहे हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम ब्रांच) शरद सिंघल ने कहा, 'हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या यह ग्रुप अहमदाबाद की रेकी करने के लिए तो नहीं आया था।'
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गतिविधियों का पता लगाने के लिए जांच
क्राइम ब्रांच ने बताया कि जब अल-अजहर को गिरफ्तार किया गया तो वह शुरू में अरबी भाषा के अलावा किसी और भाषा के बारे में अनभिज्ञता जताई। लेकिन बाद में उसने बताया कि उसे हिंदी भी आती है। उसने पुलिस को बताया कि ग्रुप इस पैसे का इस्तेमाल शानदार लाइफस्टाइल जीने के लिए कर रहा था।
शरद सिंघल ने जानकारी देते हुए बताया, 'यह गिरोह मस्जिदों में जाता था, गाजा में भूख से मर रहे परिवारों के वीडियो दिखाता था और मानवीय सहायता के नाम पर दान की अपील करता था। लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इकट्ठा किया गया कोई भी पैसा गाजा पहुंचा हो।' क्राइम ब्रांच को शक है कि यह ग्रुप अहमदाबाद में रेकी करने के मकसद के लिए आया होगा। पुलिस सभी की गतिविधियों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।