हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के वेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। महागठबंधन में शामिल करने के लिए बिहार एआईएमआईएम के अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखा है।
अख्तरुल ईमान ने पत्र में लिखा है कि पिछले 2015 के विधानसभा चुनाव से एआईएमआईएम बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही है, पार्टी का पहले ही दिन से प्रयास रहा है कि चुनाव के समय सेक्यूलर वोटों का बिखराव ना हो। सेक्यूलर वोटों के बिखराव की वजह से साम्प्रादायिक ताकतों को सरकार में आने का मौका मिलता है।
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'चुनाव सामने है, महागठबंधन शामिल करें'
एआईएमआईएम ने आगे महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताते हुए कहा, 'इसी उद्देश्य से हमने पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के समय महागठबंधन में शआमिल होने की इच्छा जताई थी, लेकिन हमारा प्रयार सफल नहीं हुआ। साल 2025 विधानसभा का चुनाव हमारे सामने है, इसलिए दोबारा से हमारी इच्छा है कि एआईएमआईएम पार्टी को महागठबंधन में शामिल किया जाए।'
एनडीए की बढ़ सकती है परेशानी
अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा के बाद बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर कर दिया है। दरअसल, आरजेडी काफी समय से एआईएमआईएम पर ये आरोप लगाती रही है कि वह मुसलमान वोटों में सेंधमारी करती है, जिसकी वजह से बिहार में बीजेपी को फायदा मिलता है। ऐसे में इस फैसले से एनडीए की परेशानी बढ़ सकती है।
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बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। एआईएमआईएम के सीमांचल में पांच विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन बाद में चार विधायक पार्टी बदलकर राजद में शामिल हो गए थे।
आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट से भी बात हुई
पार्टी विधायक अख्तरुल ईमान ने पत्र में कहा है कि उन्होंने एआईएमआईएम को महागठबंधन में शामिल करने के लिए आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के कई वरिष्ठ नेताओं को मौखिक और फोन से बात करके इसकी जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव में सभी दल साथ में मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो सेक्यूलर वोटों के बिखराव को रोकने में सफलता मिल सकती है और बिहार की अगली सरकार महागठबंधन की बनेगी।