पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने शुक्रवार को मुर्शिदाबाद हिंसा से प्रभावित होकर मालदा जिले में शरण लिए परिवारों से मुलाकात की। वह र्दजनों महिलाओं और बच्चों से मिले। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे अपना मालदा दौरा टालने का अनुरोध किया था। मालदा जिला मुर्शिदाबाद का पड़ोसी जिला है।
राज्यपाल आनंद बोस ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात करते कहने के बाद कहा, 'मैंने शिविर में रह रहे परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। मैंने उनसे विस्तृत चर्चा की। मैंने उनकी शिकायतें सुनीं और उनकी भावनाओं को समझा। उन्होंने मुझे यह भी बताया कि वे क्या चाहते हैं। निश्चित रूप से सक्रिय कार्रवाई की जाएगी।'
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महिलाओं को धमकाया गया- बोस
राज्यपाल ने आगे कहा, 'महिलाओं ने कहा कि उन्हें धमकाया गया है। बदमाश उनके घरों में घुस आए और उनके साथ मारपीट की गई, अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया। मैंने शिविर में रह रहे परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। मैंने उनसे विस्तृत चर्चा की। मैंने उनकी शिकायतें सुनीं और उनकी भावनाओं को समझा। उन्होंने मुझे यह भी बताया कि वे क्या चाहते हैं। निश्चित रूप से, सक्रिय कार्रवाई की जाएगी।'
'अपनी सिफारिशें भेजूंगा'
बोस ने मालदा के लिए ट्रेन में सवार होने से पहले शुक्रवार की शाम को कोलकाता में मीडिया से कहा, 'मैं हिंसा प्रभावित क्षेत्र में जा रहा हूं। मैं पीड़ितों से मिलूंगा, हिंसा प्रभावित क्षेत्र से प्राप्त रिपोर्ट की पुष्टि करूंगा, अस्पतालों, पीड़ितों के आवासों और राहत शिविरों का दौरा करूंगा। राज्य पुलिस और केंद्रीय बल साथ मिलकर काम कर रहे हैं और स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी। दौरे के बाद, मैं अपनी सिफारिशें भेजूंगा।'
11-12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में हुई थी हिंसा
मालदा पहुंचने पर बोस ने कहा, 'शिविरों में, मैं पीड़ितों की शिकायतें सुनूंगा, उनकी जरूरतें जानने की कोशिश करूंगा और उनका निवारण करने के लिए सक्रियता से कदम उठाऊंगा।' वहीं, राजभवन सूत्रों ने संकेत दिया कि बोस शनिवार को मुर्शिदाबाद का भी दौरा कर सकते हैं।
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बता दें कि मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर इलाकों में, वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ 11-12 अप्रैल को हुए प्रदर्शनों के दौरान भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी। मुर्शिदाबाद के कई परिवार जिले में हिंसा होने की आशंका के चलते पड़ोसी मालदा जिला पलायन कर गए थे।
दंगा करने और तोड़फोड़ में कथित संलिप्तता को लेकर अबतक 274 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद हिंसा प्रभावित इलाकों में अर्द्धसैनिक और पुलिस बल तैनात किए गए हैं।