बेंगलुरु में 4 हजार आवारा कुत्तों को खिलाया जाएगा चिकन और चावल
राज्य
• BENGALURU 11 Jul 2025, (अपडेटेड 11 Jul 2025, 5:39 PM IST)
बेंगलुरु की महानगरपालिका ने फैसला लिया है कि शहर के आवारा कुत्तों को हर दिन चिकन और चावल खिलाया जाएगा। अब इस फैसले को लेकर खूब बहस हो रही है।

प्रतीकात्मक तस्वीर, Photo Credit: Freepik
देशभर के कई इलाकों से आवारा कुत्तों से जुड़ी अलग-अलग समस्याएं सामने आती रहती हैं। कभी आवारा कुत्तों के हमले की खबर आती है तो कभी आवारा कुत्तों को मारने की खबरें आती हैं। इस बीच अब कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु की वृहद बेंगलुरु महानगरपालिका (BBMP) ने शहर के सभी आठ जोन में लगभग 4,000 आवारा कुत्तों को चिकन और चावल खिलाने का फैसला लिया है। इस पर लगभग 2.8 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। एक अनुमान के मुताबिक, बेंगलुरु में लगभग 2.7 लाख आवारा कुत्ते रहते हैं।
BBMP के टेंडर डॉक्युमेंट के अनुसार, नगर निकाय प्रत्येक जोन में लगभग 440 कुत्तों को भोजन देने की योजना बना रहा है। इसमें बताया गया है कि हर दिन सुबह लगभग 11 बजे निर्धारित जगहों पर लगभग 750 कैलोरी वाला 400 ग्राम चिकन और चावल परोसा जाएगा। BBMP के इस अभूतपूर्व कदम को लेकर बेंगलुरुवासियों की मिली जुली प्रतिक्रिया है। इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर मीम्स और चुटकुलों की बाढ़ आ गई है, जिनमें से कई उत्तर-दक्षिण विभाजन, भाषाई राजनीति, खराब सड़कें और यातायात जैसे विषयों पर आधारित हैं।
यह भी पढ़ें- अंडरवियर में आने को किया मजबूर, गोवा विश्वविद्यालय के फैसले पर बवाल
VIDEO | Bengaluru: Animal welfare activist Priya Chetty Rajagopal raises concerns over BBMP tenders allocating funds for feeding stray dogs chicken and rice.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 11, 2025
She says, “BBMP plays two critical roles, animal birth control and vaccination. They are also responsible for the health,… pic.twitter.com/duj0iMpzJG
पिछले छह साल से हर दिन बेंगलुरु यूनिवर्सिटी कैंपस से सटे भारतीय सांख्यिकी संस्थान के परिसर में आसपास रह रहे बंदरों और कुत्तों को खाना खिलाने वाले 37-वर्षीय प्रभु ने BBMP के इस कदम पर खुशी जताई है। प्रभु ने न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, 'कुत्तों के आक्रामक व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए यह एक बेहतरीन कदम है और मेरे जैसे लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत है जो अपनी जेब से खर्च करते हैं। मैं कुत्तों के लिए चिकन और चावल पर रोजाना लगभग 2,500 रुपये खर्च करता हूं और बंदरों तथा गायों को खिलाने के लिए 50 किलो केलों पर 2,000 रुपये और खर्च करता हूं।’
यह भी पढ़ें- अपील खारिज, तारीख तय; 'आखिरी रास्ता' जो रोक सकता है निमिषा की फांसी
क्या बोले लोग?
प्रभु इन आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए रात होने का इंतजार करते हैं क्योंकि पड़ोसी उनके आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर आपत्ति जताते हैं और गुस्सा दिखाते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस X पर एक शख्स करण गौड़ा ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए लिखा है, ‘बेंगलुरु के आवारा कुत्ते उत्तर भारतीयों से ज्यादा प्रोटीन खाते हैं।' उनके इस पोस्ट को 15 घंटे में लगभग 1,12,000 बार देखा गया। एक अन्य शख्स लॉर्ड इम्मी कांट ने तंज कसते हुए लिखा, ‘बेंगलुरु में रोज़ाना आवारा कुत्तों को चिकन और चावल खिलाने की खबर देखने के बाद, पूरे भारत के आवारा कुत्ते बेंगलुरु में बसने की योजना बना रहे हैं। उनके लिए भाषा की कोई समस्या नहीं होगी।'
भड़क गए कार्ति चिदंबरम
चेतन सुब्बैया ने एक पिल्ले की तस्वीर पोस्ट की, जो गड्ढे में भरे पानी में लेटा हुआ था। उन्होंने तस्वीर के साथ लिखा, 'बेंगलुरु का कुत्ता चिकन चावल और अंडा चावल से पेट भरने के बाद जकूजी (एक प्रकार का बाथटब) में आराम कर रहा है।’ बहरहाल, बीबीएमपी के फैसले का हर किसी ने समर्थन नहीं किया। तमिलनाडु के पड़ोसी जिले शिवगंगा से कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में ट्रांसफर किया जाना चाहिए। उन्होंने BBMP की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘उन्हें (कुत्तों को) ऐसे आश्रय स्थलों में ले जाना चाहिए, जहां उन्हें खाना मिले, उनका टीकाकरण और नसबंदी की जा सके। उन्हें सड़कों पर घूमते हुए खाना खिलाना स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से बड़ा खतरा है।'
यह भी पढ़ें- विकास दिव्यकीर्ति ने ऐसा क्या किया कि मानहानि के केस में फंस गए?
Is this true? Dogs have no place in the streets. They need to be relocated to shelters, where they can be fed, vaccinated & sterilised. Feeding & keeping them in a free roaming state in the streets is a huge health & safety hazard. https://t.co/plODiKMJDZ
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) July 10, 2025
चिदंबरम की टिप्पणियों का विरोध करते हुए, कर्नाटक कांग्रेस महासचिव लावण्या बल्लाल जैन ने लोगों से एक कुत्ता गोद लेने की अपील की। BBMP के विशेष आयुक्त (स्वास्थ्य एवं स्वच्छता) सुरालकर विकास किशोर ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि आवारा पशुओं को खाना खिलाने को अलग नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका व्यापक उद्देश्य 2030 तक रेबीज का उन्मूलन करना है।
उन्होंने कहा, ‘हम जन्म नियंत्रण और टीकाकरण जैसे अन्य उपाय भी साथ-साथ कर रहे हैं। आवारा पशुओं को खाना खिलाना इस रणनीति का एक हिस्सा है।' उन्होंने कहा कि लगातार भोजन देने से अंततः आक्रामक कुत्तों के रूप में चिह्नित कुत्तों तक पहुंच आसान हो जाएगी। किशोर ने कहा कि BBMP उन्हें टीकाकरण या जन्म नियंत्रण सर्जरी के लिए आसानी से पकड़ सकती है।
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap