गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इंटरव्यू के वक्त कुख्यात गैंगस्टर खरड़ स्थित क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA) के ऑफिस में था। लॉरेंस बिश्नोई ने सैमसंग गैलेक्सी A21S फोन से निजी टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था। उसका यह मोबाइल सीआईए दफ्तर में लगे वाई-फाई से जुड़ा था। नोट में मोहाली के तत्कालीन एसएसपी विवेकशील सोनी को फेल बताया गया है।
इसमें कहा गया कि वे लॉरेंस बिश्नोई की सुरक्षा व्यवस्था पर व्यक्तिगत ध्यान देने में विफल रहे, जबकि इस संबंध में 15 जून 2022 और 12 जुलाई 2022 को दो बार लिखे पत्र में रोपड़ आईजी ने आगाह किया था, मगर एसएसपी ने इन आदेशों पर ध्यान नहीं दिया। एएसपी कार्यालय से जारी आदेशों को भी सही से लागू नहीं किया गया। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू सितंबर 2022 में रिकॉर्ड किया गया था। अगले साल 14 मार्च 2023 को इसे एक निजी चैनल ने प्रसारित किया।
एसआईटी के नोट में खुलासा हुआ है कि लॉरेंस बिश्नोई खरड़ सीआईए कार्यालय के प्रभारी शिव कुमार के कार्यालय में मौजूद था। यही इंटरव्यू रिकॉर्ड किया गया। उस वक्त लॉरेंस बिश्नोई रिमांड पर था। इसमें यह भी खुलासा हुआ है कि इंस्पेक्टर शिव कुमार और सब इंस्पेक्टर रीना ने अपने सक्षम अधिकारी के अनुमति के बिना 3 सितंबर 2022 की शाम जालंधर गए थे।
जांच में सामने आया है कि लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर की रात को रिकॉर्ड किया। 9 अक्टूबर 2024 को प्रबोध कुमार और डीआईजी नीलांबरी विजय जगदाले ने सेल्फ कंटेंड नोट में यह बात लिखी। उस रात लॉरेंस बिश्नोई सीआईए प्रभारी के कार्यालय में 90 मिनट से अधिक समय तक रुका। ड्यूटी में तैनात एसआई जगतपाल जांगू और एसआई शगनजीत सिंह ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई।
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हेड कांस्टेबल ने बताया वाई-फाई का पासवर्ड
यह भी खुलासा हुआ है कि एएसआई मुख्तियार सिंह ने सीआईए लॉकअप से बाहर निकलने में लॉरेंस बिश्नोई की मदद की। लगभग 90 मिनट तक मोबाइल से निजी चैनल को अपना इंटरव्यू दिया। हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश ने वाई-फाई पासवर्ड साझा करने और मोबाइल को इंटरनेट से जोड़ने में मदद की।
डीएसपी ने इंटरव्यू में की मदद
नोट में यह भी खुलासा हुआ कि राजपत्रित अधिकारी के तौर पर डीएसपी समर वनीत को 3 सितंबर 2022 को रात 8 बजे से अगले दिन सुबह 8 बजे तक सीआईए दफ्तर में रुकना था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। फोन कॉल डिटेल्ट और इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड के मुताबिक वे सिर्फ 40 मिनट ही रुके। इसके बाद वह रात 11:15 बजे मोहाली के फेज 3बी2 स्थित अपने घर वापस चले आए थे। बर्खास्त डीएसपी गुरशेर संधू ने इंटरव्यू में लॉरेंस बिश्नोई की सक्रिय तौर पर मदद की। नोट में अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही और कदाचार पर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
हाईकोर्ट के आदेश पर बनी थी एसआईटी
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर एसआईटी का गठन हुआ था। पंजाब के विशेष पुलिस महानिदेशक प्रबोध कुमार के नेतृत्व में एसआईटी बनी। डीआईजी नीलांबरी विजय जगदाले को इसका सदस्य बनाया गया। इसी साल 13 जनवरी को प्रबोध कुमार रिटायर हो चुके हैं।
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पंजाब सरकार ने क्या एक्शन लिया?
पंजाब सरकार ने लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में सात अधिकारियों को निलंबित किया है। उस वक्त मोहाली के पुलिस उपाधीक्षक (जांच) रहे गुरशेर सिंह को बर्खास्त कर दिया गया। इंस्पेक्टर शिव कुमार की सेवा भी खत्म कर दी गई।
इन पर गिर चुकी गाज
- डीएसपी गुरशेर सिंह
- डीएसपी समर वनीत
- इंस्पेक्टर शिव कुमार
- सब इंस्पेक्टर एसआई रीना
- जगतपाल जंगू
- शगनजीत सिंह
- सब इंस्पेक्टर मुख्तियार सिंह
- हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश