बिहार के पटना में अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे टीचर और अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया है। मामला STET परीक्षा से जुड़ा हुआ है जिसे लेकर अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए निकले थे और डाकबंगला चौराहा होते हुए वहां पहुंचना चाह रहे थे।
सूचना के मुताबिक पुलिस ने अभ्यर्थियों को जेपी गोलंबर पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया। इसके बाद अभ्यर्थियों ने बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की जिस पर फिर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को उनके ऊपर लाठी चार्ज करना पड़ा। इस कार्रवाई में कुछ अभ्यर्थियों को चोट भी आई है।
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5 हजार से ज्यादा छात्र मौजूद
हालांकि, इसके बावजूद अभ्यर्थी अभी भी डाक बंगला चौराहे पर रुके हुए हैं। पुलिस ने यहां भी उन्हें रोका हुआ है और वॉटर कैनन की गाड़ी भी बुला रखी है। इस प्रदर्शन में लगभग 5 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हैं। अभ्यर्थियों ने बैरिकेडिंग के ऊपर चढ़कर पोस्टर भी लहराए।
हालांकि, पुलिस अधिकारी कहना है कि अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन की वजह से सड़क जाम हो गया था जिसकी वजह से हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को डेलिगेशन बनाकर मिलने का भी ऑफर दिया गया था लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हुए। वे प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन करना चाह रहे थे इसलिए उन्हें रोक दिया गया।
क्या है मामला?
छात्र एसटीईटी की परीक्षा को लेकर मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि टीआरई-4 से पहले सीटीईटी की परीक्षा करवाई जाए। उनका कहना है कि सरकार ने वादा किया था कि एसटीईटी की परीक्षा हर साल करवाई जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और एसटीईटी परीक्षा न होने के कारण लगभग तीन लाख छात्र प्रभावित होंगे। टीआई-4 के लिए नीतीश सरकार ने डोमिसाइल नीति को भी लागू करने की बात कही है।
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दरअसल सीएम नीतीश कुमार ने टीआरई-4 और टीआरई-5 का ऐलान कर दिया है, लेकिन जिन छात्रों ने अभी एसटीईटी परीक्षा को पास नहीं किया है वे इस अवसर से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में छात्रों का कहना है कि टीआई-4 से पहले एसटीईटी परीक्षा करवाई जाए।