महाराष्ट्र में जब से नई सरकार का गठन हुआ है, उसके बाद से ही कोई न कोई मुद्दा सामने आता ही रहता है। सरकार बनने के बाद से चर्चाएं होती रहती है कि महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं। इसी बीच सोमवार को कुछ ऐसा हुआ जिसने शिंदे गुट को और परेशानी में डाल दिया है। दरअसल सोमवार को महाराष्ट्र में विधानसभा का सत्र शुरू हो गया है, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बीच नजदीकी कुछ ज्यादा ही दिख रही थी।
साथ ही रिपोर्ट्स की माने तो विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सुनील राउत से मुलाकात की है। सुनील राउत संजय राउत के भाई हैं। यह विखरोली विधानसभा से चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे हैं। चर्चा यह भी है कि सुनील राउत को नेता विपक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है। वहीं उद्धव ठाकरे के भतीजे की मुलाकात सीएम देवेन्द्र फडणवीस से हुई है। इस मीटिंग से महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली मच गई है।
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क्यों है शिंदे गुट परेशान
हाल ही में महाराष्ट्र में हुई नेताओं की मीटिंग ने वहां की राजनीति का पारा चढ़ा दिया है। विधानसभा स्पीकर नार्वेकर और सुनील राउत की मीटिंग के बाद वरुण सरदेसाई और सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने भी मीटिंग की है। इस मीटिंग की चर्चा खूब हो रही है। क्योंकि वरुण सरदेसाई उद्धव ठाकरे के भतीजे हैं। हालांकि, वरुण ने बताया, 'मैने असेंबली एरिया में विकास के लिए मुलाकात की थी।' इन बैठकों से भले ही कोई नतीजा ना निकले लेकिन एकनाथ शिंदे के लिए यह चिंता का विषय बन सकता है।
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अजित पावर का संबंध
बीते रविवार को जब सुनील राउत, वरुण सरदेसाई और सीएम देवेन्द्र फडणवीस बैठे थे। उसी समय अजित पावार ने कहा, 'आप अपने सीएम पद की रक्षा नहीं कर पाए, इसमें मैं क्या कर सकता हूं।' इतना कहते ही लोग जोर-जोर से हंसने लगे। वहीं एकनाथ शिंदे को थोड़ा परेशान देखा गया। वही भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने विधान परिषद में विपक्ष के नेताओं को चॉकलेट दी है। उन्होंने आदित्य ठाकरे से भी मीटिंग की और उन्हें चॉकलेट दी। माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना और भाजपा के बीच की दरारों को खत्म करने के लिए ऐसी मुलाकातें हो रही हैं। फिलहाल रोचक यह होगा कि असेंबली इलेक्शन में क्या स्थिति रहती है।