महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद की गूंज देशभर में सुनाई दे रही है। हाल ही में मुंबई में मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के कार्यकर्ताओं द्वारा भाषा विवाद को लेकर एक व्यापारी के साथ की गई मारपीट ने इस मुद्दे को राजनीतिक रूप दे दिया है। इस पर कई नेताओं ने बयान भी दिए हैं। इसी क्रम में भाजपा के सांसद निशिकांत दूबे ने भी बयान दिया, जिसमें उन्होंने राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा- अगर आप इतने बड़े 'बॉस' हैं, तो महाराष्ट्र से बाहर आइए—बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु में आइए—‘तुमको पटक पटक के मारेंगे।’
इस बयान पर शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर निशिकांत दूबे मर्द हैं, तो शिंदे गुट उनके बयान का खंडन करे या फिर वह अपनी दाढ़ी काट लें।
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निशिकांत दूबे ने दी प्रतिक्रिया
निशिकांत दूबे ने इसके जवाब में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र का आजादी के आंदोलन में बड़ा योगदान रहा है। जैसे मराठी भाषा का सम्मान है, और मराठी लोगों को अपनी मातृभाषा से प्रेम है, वैसे ही बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और राजस्थान के लोगों के लिए हिंदी भाषा है। हालांकि अगर ठाकरे परिवार भाषा के नाम पर मारपीट करता है, तो वह हमारे लिए बर्दाश्त नहीं है।’
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका पिछला बयान तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन मुंबई और महाराष्ट्र जो टैक्स देते हैं, उसमें उत्तर भारत के राज्यों के लोगों का भी योगदान है। इसमें न ठाकरे परिवार का कोई लेना-देना है और न मराठा समाज का। एसबीआई और एलआईसी जैसे संस्थानों का मुख्यालय मुंबई में है, लेकिन वह देशभर से टैक्स लेते करते हैं। मैं इस समय सिक्किम में हूं, यहां के लोग भी एसबीआई में पैसा जमा करते हैं। उनका टैक्स भी मुंबई के खाते में जाता है।'
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ठाकरे परिवार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, ‘आप गरीबों से मारपीट करते हैं। मुकेश अंबानी भी वहीं रहते हैं, वह मराठी बहुत कम बोलते हैं- हिम्मत है तो उनके पास जाओ। माहिम में मुस्लिम आबादी ज्यादा है- हिम्मत है तो वहां जाओ। एसबीआई के चेयरमैन मराठी नहीं बोलते, उन्हें पीटकर दिखाओ। जो गरीब आदमी है और वहां कमाने गया है, उसका भी महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था में योगदान है। मेरा स्पष्ट मानना है कि यदि ठाकरे परिवार को लगता है कि वह डराकर राजनीति कर सकते हैं, तो जब वह महाराष्ट्र से बाहर जाएंगे, तब लोग उन्हें पटक पटक के मारेंगे। मैं अपनी बात दोहरा रहा हूं।’