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हीरो या विलेन! BPSC आंदोलन में प्रशांत किशोर ने ऐसा क्या कर दिया?

पटना में जारी BPSC आंदोलन के बीच अचानक प्रशांत किशोर चर्चा का केंद्र बन गए हैं। हर तरफ से उनकी आलोचना हो रही है। समझिए इस सबकी वजह क्या है।

Prashant Kishore at protest site

आंदोलनकारी छात्रों के बीच प्रशांत किशोर, File Photo: PTI

जन सुराज पार्टी के संस्थापर प्रशांत किशोर अब बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। बिहार राजधानी पटना में कई दिनों बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) की परीक्षाओं को लेकर प्रदर्शन चल रहा है। दो-तीन दिन पहले प्रशांत किशोर इस आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे। अब इन्हीं प्रशांत किशोर के ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं जिसमें आंदोलनरत छात्र उन्हें लौट जाने को कह रहे हैं। छात्रों की शिकायत है कि प्रशांत किशोर ने उन्हें उकसा तो दिया लेकिन साथ नहीं दिया। प्रशांत किशोर भी इन आंदोलनकारियों से उलझते दिखे। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने भी प्रशांत को आड़े हाथ लिया है और आरोप लगाए हैं कि पीके की वजह से ही आंदोलन खराब हो गया वरना सरकार दबाव में आ रही थी। लगातार लग रहे आरोपों के बीच सवाल उठ रहा है कि प्रशांत किशोर आखिर हीरो बनने में कामयाब रहे या फिर इस आंदोलन ने उन्हें छात्रों के बीच विलेन बना दिया।

 

पटना में प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं ने रविवार को सीएम नीतीश कुमार के आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की। छात्रों को रोकने के लिए पहले तो पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया लेकिन इसके बाद भी वे रुकते नहीं दिखे तो लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज में कई छात्र घायल भी हुए हैं। घायल छात्रों का वीडियो सामने आया है जिसमें उनका कहना है कि प्रशांत किशोर ने उनसे कहा था कि पहली लाठी वह खाएंगे लेकिन वह यहां से गायब हो गए। इसके बाद शाम को प्रशांत किशोर फिर छात्रों के बीच पहुंचे थे लेकिन छात्रों ने उन्हें लौटने को कहा जिसको लेकर खूब बहस भी हुई।

वायरल हुआ वीडियो

 

प्रशांत किशोर और आंदोलनरत छात्रों की बातचीत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र प्रशांत किशोर से कह रहे हैं, 'आप कहे थे कि पहली लाठी हम खाएंगे, उस बल पर हम लोग गए थे लेकिन आप हम लोगों को छोड़कर चले गए।' इस पर प्रशांत किशोर कहते हैं, 'ये नए-नए नेता बने हैं। अभी कंबल मांगे हो हमसे और लीड किसी और से कराओगे।' इस पर छात्र भड़क गए। उनका कहना था, 'कंबल देकर आप धौंस दिखा रहे हो? कंबल हम लोग चंदा से लेकर आए हैं।' इसके बाद दोनों ओर से खूब गरमागरम बहस हुई। बहसबाजी के बाद प्रशांत किशोर वहां से चले गए।

 

इसी पर सांसद पप्पू यादव ने अपने X पोस्ट में लिखा है, 'प्रशांत जी ख़ुद नया नेता बने हैं और छात्रों को धमका रहे हैं, अपनी औक़ात का धौंस दिखा रहे हैं! आज जब धेले भर की चुनावी औक़ात नहीं है तो अहंकार टपक रहा है, छात्रों के सामने बड़ी बड़ी सरकार उड़ गई,आप क्या चीज़ हैं? छात्र पुलिस से पिट रहे थे आप पीठ दिखा भाग गए, सवाल पूछने पर गाली?' तेजस्वी यादव ने भी प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है और उन पर आंदोलन खराब करने के आरोप भी लगाए हैं। उधर प्रशांत किशोर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है।

क्या है पूरा मामला?

 

दरअसल, छात्रों की मांग है कि BPSC की 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा को रद्द कर दिया जाए। इसी को लेकर कई दिनों से छात्र पटना के गर्दनीबाग में आंदोलन कर रहे थे। 26 दिसंबर को प्रशांत किशोर इन छात्रों से मिले और उनके आंदोलन को अपना समर्थन दिया। इतना ही नहीं, प्रशांत किशोर ने इन आंदोलनकारी छात्रों से कई वादे किए। प्रशांत किशोर के अलावा कांग्रेस, आरजेडी और अन्य पार्टियों के नेता भी छात्रों से मिले जिससे आंदोलनकारियों के हौसले बुलंद हुए।

 

 

शनिवार को प्रशांत किशोर फिर छात्रों के बीच पहुंचे और घोषणा कर दी कि गांधी मैदान में 'छात्र संसद' आयोजित करने का ऐलान किया। छात्रों का आरोप है कि प्रशांत किशोर के कहने पर ही वे आगे बढ़े थे लेकिन जिला प्रशासन ने छात्र संसद को अनुमति ही नहीं दी।

 

रविवार को प्रशांत किशोर गांधी मैदान पहुंचे। छात्रों ने सीएम आवास की ओर बढ़ने की कोशिश की। आरोप है कि इस दौरान प्रशांत किशोर वहां से गायब हो गए। अब आंदोलनकारी छात्र और पुलिस आमने-सामने थे। पुलिस ने इन छात्रों पर वाटर कैनन से बौछार कर दी और जमकर लाठीचार्ज किया। यही वजह है कि छात्र सारा दोष प्रशांत किशोर को दे रहे हैं और उन पर आंदोलन खराब करने का आरोप भी मढ़ रहे हैं।

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