बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) का रि-एग्जाम हो रहा है। आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने परीक्षा को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सरकारी भ्रष्टाचारको लेकर नीतीश कुमार पर तंज कसा है।
प्रशांत किशोर 13 दिसंबर को आयोजित होने वाली BPSC परीक्षा को रद्द कराने की मांग कर रहे हैं। प्रशांत किशोर गुरुवार से ही आमरण अनशन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि परीक्षा हर हाल में रद्द की जाए। BPSC का रि-एग्जाम कुल 15000 उम्मीदवारों के लिए हो रहा है।
'छात्रों के साथ हो रहा है अन्याय'
प्रशांत किशोर ने कहा कि BPSC आंदोलन की असली वजह भ्रष्टाचार है। यह BPSC की 70वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (CEE) है। प्रशांत किशोर सिर्फ कुछ सेंटर पर दोबारा एग्जाम को लेकर बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि यह अन्य छात्रों के साथ अन्याय है।
'आधी से ज्यादा सीटें बिक गई हैं'
प्रशांत किशोर ने शनिवार को कहा, 'परीक्षा 15000 छात्रों के लिए आयोजित की जा रही है, लेकिन विरोध करने वालों की संख्या 3.5 लाख है। मुद्दा यह है कि भ्रष्टाचार के बड़े आरोप हैं। आधी से अधिक सीटें बिक चुकी हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब परीक्षा में बैठते हैं, आपको सीट नहीं मिलेगी।'
'1.5 करोड़ में बिक रहा DSP का पद'
प्रशांत किशोर ने आयोग पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, 'एक-एक नौकरी के 30-30 लाख रुपये लिए जा रहे हैं। डीएसपी का पद 1.5 करोड़ रुपये में बेचा जा रहा है। सरकार को भ्रष्टाचार पर बोलना चाहिए। कौन लोग हैं जो इतने पैसे ले रहे हैं, यह सरकार को पूछना चाहिए।'
क्या है BPSC का पूरा विवाद?
13 दिसंबर को BPSC की परीक्षा आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में 5 लाख से ज्यादा लोग बैठे थे। सैकड़ों छात्रों ने पेपर लीक का आरोप लगाया था। छात्रों ने बाबू परीक्षा परिसर में बैठने से इनकार कर दिया था।
अभ्यर्थी क्या चाहते हैं?
अभ्यर्थियों की मांग है कि 13 दिसंबर को हुई परीक्षा रद्द कर दी जाए और फिर से परीक्षाएं कराई जाएं। BPSC अभ्यर्थियों और नेताओं की मांग को साजिश बता रही है।
दोबारा परीक्षा क्यों हो रही है?
बापू परीक्षा परिसर केंद्र के 10 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों के लिए दोबारा परीक्षा के आदेश दिए गए थे। शनिवार को 22 नए निर्धारित केंद्रों पर छात्र परीक्षा दे रहे हैं। प्रशांत किशोर और पप्पू यादव जैसे नेताओं ने इसका विरोध किया है।