इतना बदहाल हो गया चंडीगढ़? सड़क रिपेयर कराने को पैसे नहीं!
राज्य
• CHANDIGARH 13 Aug 2025, (अपडेटेड 13 Aug 2025, 3:09 PM IST)
चंडीगढ़ के कई इलाकों में सड़कें खस्ताहाल हैं, जिससे लोगों को रोज दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम फंड की कमी के कारण सड़कों की मरम्मत नहीं करवा पा रहा है।

चंडीगढ़ की सड़के, Photo Credit:@amitkumar0302
चंडीगढ़ का नाम सुनते ही आपके मन में भी लंबी-चौड़ी सड़कों वाला खूबसूरत शहर आता होगा लेकिन चंडीगढ़ की यही सड़कें आजकल खस्ताहाल हो चुकी हैं। कई जगह सड़कें गड्ढों में तबदील हो चुकी हैं जिस कारण शहरवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय नागरिकों की शिकायतों के बदले प्रशासन से सिर्फ आश्वासन मिलता है लेकिन सड़कों की मरम्मत नहीं होती। नगर निगम सड़कों की मरम्मत करने में नाकाम रही है और इसके पीछे पर्याप्त फंड का ना होना वजह बताई जा रही है। कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर नगर निगम आयुक्त अमित कुमार को ज्ञापन सौंपकर निगम के अधीन आने वाली सड़कों की बिगड़ती हालत की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया।
स्थानीय नागरिकों को गड्ढों वाली ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर सफर करना पड़ रहा है। पैसों की तंगी से जूझ रहा नगर निगम इन सड़कों की मरम्मत नहीं करवा पा रहा है। बड़े-बड़े गड्ढे, उखड़ी हुई सड़कें और उबड़-खाबड़ सड़क चंडीगढ़ की सड़कों पर सफर करने वालों के लिए रोज की दिक्कतें बन गई हैं। लोगों का कहना है कि खराब सड़कों के कारण उनकी गाड़ियों को नुकसान पहुंच रहा है और कई जगह ट्रैफिक जाम भी लग रहा है।
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Welcome to #SmartCity Chandigarh (Maloya) — where the roads are smarter than the traffic because they decide where you can’t drive. @MCChandigarh @chandigarh_admn @ManishTewari @BJP4Chandigarh @ChandigarhSmart When smart city gets smart roads? #yethikarkedikhao @YTKDIndia pic.twitter.com/lPxUcQJOT3
— Amit Kumar (@amitkumar0302) August 12, 2025
किन इलाकों में सड़कें खराब?
चंडीगढ़ के कई इलाकों में सड़कों की हालात खराब है। इनमें इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1 और 2, सेक्टर 10, 11, 15, 19, 20, 24, 34, 35, 38, 42, 45, 48, 49, 56 शामिल हैं। इसके अलावा धनास, मौली जागरां, हल्लोमाजरा, बुड़ैल, बापूधाम, पलसौरा, रामदरबार, इंदिरा कॉलोनी, मलोया और मनीमाजरा जैसे इलाकों और कॉलोनियों की सड़कों की हालत तो बहुत ही खराब है। इन इलाकों के नागरिकों का कहना है कि बाहरी इलाके में होने के कारण इन इलाकों में सड़कों की मरम्मत को प्राथमिकता नहीं दी जाती। सेक्टरों के अंदर वाली मार्केट में कई जगह सड़कें बहुत ज्यादा खराब हो चुकी हैं। मध्य मार्ग पर स्थित सेक्टर 26 की ग्रेन मार्केट से ट्रांसपोर्ट एरिया तक जाने वाली सड़कें भी बेहद खराब स्थिति में हैं।
क्या बोले लोग?
चंडीगढ़ रेजिडेंट्स एसोसिएशन वेलफेयर फेडरेशन के महासचिव अनीश गर्ग ने कहा, 'हर बार बारिश होने पर सड़कों की हालत पहले से भी बदतर हो जाती है। सड़कों की हालत बहुत ज्यादा खराब है। खराब सड़कें लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा हैं खासकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह खतरनाक है। नगर निगम को समय पर सड़कों की रिकार्पेटिंग करवानी चाहिए।'
सेक्टर 24 में रहने वाले अमनदीप सिंह ने कहा, 'शहरवासियों को ऊबड़-खाबड़ सफर का सामना करना पड़ रहा है और इसी कारण लोगों की गाड़ियों को नुकसान हो रहा है। गड्ढों के कारण शहर में कई जगहों पर ट्रैफिक जाम लग रहा है। शहर की सड़कों को तुरंत मरम्मत की जरूरत है लेकिन नगर निगम को कम से कम बारिश के मौसम में तो पैचवर्क करवाना चाहिए था।'
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नगर निगम पर इन सड़कों की जिम्मेदारी
चंडीगढ़ में 2,000 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम की है। इनमें वी-3 , सेक्टरों को बांटने वाली सड़कें वी-4 शॉपिंग स्ट्रीट, वी-5 सेक्टर सर्कुलेशन रोड और वी-6 घरों तक पहुंचने वाली सड़कें शामिल हैं। इसके साथ ही पार्किंग और गांव की सड़कें भी इसमें शामिल हैं। आमतौर पर हर साल मार्च-अप्रैल और अक्टूबर-नवंबर में नगर निगम शहर की सड़कों की मरम्मत का काम करती है लेकिन मई 2024 के बाद से सड़कों की मरम्मत के लिए कोई काम नहीं किया गया है। नगर निगम के पास पैसों की कमी है इसलिए समय पर सड़कों की मरम्मत का काम शुरू नहीं हुआ। कई बड़े प्रोजेक्ट्स की कागजी कार्रवाई पूरी होने के बावजूद, फंड की कमी के कारण टेंडर नहीं खोले गए हैं।
क्यों नहीं है पैसा?
चंडीगढ़ नगर निगम का साल 2025–26 का कुल बजट अनुमान 2,114.71 करोड़ रुपये है। इसमें से वह अपनी कमाई के जरिए लगभग 410 करोड़ रुपये कमाएगी। इसमें प्रॉपर्टी टैक्स, पानी के बिल, पार्किंग फीस और कचरा उठाने के चार्ज शामिल हैं। इसके अलावा चंडीगढ़ नगर निगम को चंडीगढ़ प्रशासन से फंड मिलता है। चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है इसलिए यह पैसा केंद्र सरकार देती है। इस साल नगर निगम ने केंद्र सरकार से 1,704 करोड़ रुपये के फंड की मांग की है लेकिन अभी तक चंडीगढ़ को 625 करोड़ की ही मंजूरी मिली है।
बजट पहले ही घाटे में चल रहा है और केंद्र से जरूरी सहायता न मिलने के कारण चंडीगढ़ नगर निगम के पास पैसों की कमी आ गई है। चंडीगढ़ नगर निगम हर साल सेक्टर डिवाइडिंग सड़कों यानी V-3 रोड की मरम्मत और रीकॉरपेटिंग पर करीब 10 से 12 करोड़ रुपये खर्च करता है। अभी करीब 26 करोड़ रुपये के पुराने मरम्मत काम होने बाकी हैं। इसके अलावा, लगभग 270 किलोमीटर सड़कों की तुरंत मरम्मत की जरूरत है। इसके लिए करीब 54 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
कांग्रेस ने दिया ज्ञापन
मंगलवार को चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एचएस लक्की के नेतृत्व में कांग्रेस पार्षदों वरिष्ठ उपमहापौर जसबीर बंटी, उपमहापौर तरुणा मेहता, गुरप्रीत गाबी, दर्शना रानी, निर्मला देवी और सचिन गालव के साथ कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं यादविंदर मेहता और दिलावर सिंह ने नगर निगम आयुक्त अमित कुमार को ज्ञापन सौंप कर निगम के अधीन आने वाली सड़कों की बिगड़ती हालत की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया। कांग्रेस पार्टी ने अपने ज्ञापन में कहा है कि नगर निगम के इतिहास में यह शायद पहली बार हो रहा है कि सड़कों की हालत इतनी बदतर हो गई है। चंडीगढ़ को दुनियाभर में शहरी जीवन के लिए जाना जाता था लेकिन आज यह शहर गड्ढों और टूटी-फूटी सड़को से जूझ रहा है।
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क्या बोले अधिकारी?
नगर निगम के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'नगर निगम ने ₹1.5 करोड़ के पैचवर्क के लिए टेंडर पहले ही जारी कर दिए हैं। जिन जगहों पर सबसे ज्यादा जरूरत है उन जगहों पर इमरजेंसी पैचवर्क भी साथ-साथ किया जा रहा है। मगर निगम ने जिन सड़कों को बेहद खराब कैटेगरी में रखा है, उन सड़कों के लिए पूरी तरह से रीकार्पेटिंग के लिए टेंडर प्रोसेस शुरू कर दी गई है। करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 250 किलोमीटर सड़कों की रीकार्पेटिंग का काम अक्टूबर में शुरू होगा।'
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