कौशांबी में दुष्कर्म पीड़िता बच्ची और प्रयागराज में एक युवक के परिवार से मिलने जा रहे नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने रोक लिया। इससे खफा उनके समर्थकों ने रविवार को खूब हंगामा किया और पुलिस के दो वाहनों में तोड़फोड़ की। उधर, आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर ने कहा, 'प्रयागराज से सटे कौशांबी जिले में पाल समाज की लड़की के साथ हुए अन्याय और पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल उठ रहे हैं। मैं यहां पाल समाज के लोगों से मिलने आया हूं ताकि उनकी आवाज को उठा सकूं। मैं यहां धरने पर बैठा हूं। इसकी वजह यह है कि यूपी में कानून व्यवस्था इतनी लचर हो गई है कि एक सांसद अपने परिवार से भी नहीं मिल सकता। पुलिस मुझे वहां जाने से क्यों रोक रही है।'
चंद्रशेखर को पुलिस ने प्रयागराज एयरपोर्ट पर ही रोक दिया। उन्हें करछना तहसील के इसोटा गांव जाना था। यहां अप्रैल महीने में एक युवक की हत्या हुई थी। परिवार के दावे के मुताबिक देवीशंकर नाम के युवक को 13 अप्रैल को उसकी मौत के बाद जला दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि सांसद चंद्रशेखर यहां सर्किट हाउस पहुंचे। मगर पुलिस ने सुरक्षा कारणों से उन्हें रोक दिया। वह इसोटा गांव जाने की कोशिश में थे।
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गुस्साई भीड़ ने दो वाहनों पर किया हमला
डीसीपी (यमुना नगर) विवेक चंद्र यादव ने बताया कि चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में करछना तहसील के इसोटा गांव पहुंचे। जब उन्हें सूचना मिली कि वह (चंद्रशेखर) वहां नहीं आ आएंगे तो भड़के कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी शुरू की। उग्र भीड़ ने डायल 112 की गाड़ी और एक अन्य वाहन को क्षतिग्रस्त किया है। डीसीपी ने जानकारी दी कि पुलिस ने तुरंत स्थिति को नियंत्रित किया। उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ जल्द ही मामला दर्ज किया जाएगा।
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'प्रयागराज बहुत दूर नहीं है'
एयरपोर्ट का एक वीडियो भी चंद्रशेखर ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर साझा किया। इसमें उन्होंने लिखा, हम परिवार से मिले बिना नहीं जाएंगे, जो बातें स्पष्ट हैं, वो स्पष्ट हैं। हम परिवार से मिलेंगे, उनकी दुख-तकलीफें जानेंगे और उन्हें दूर करने के लिए अपने लोगों से बात करेंगे। इन तीन बातों पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे। ठीक है, अगर आप इस पर सहमत हैं और वहां जाकर आप अपने वादे से नहीं बदले तो हम आपके साथ चलने को तैयार हैं, लेकिन अगर वहां जाकर आप कहेंगे कि हमें किसी से नहीं मिलने देंगे तो यह समझ लीजिए कि प्रयागराज बहुत दूर नहीं है।