हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन (HPSC) की तरफ से होने वाली भर्तियों में गड़बड़ी का आरोप लगा है। यह आरोप कांग्रेस की तरफ से लगाया गया है। रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने HPSC की पिछली 5 भर्तियों में गड़बड़ी का आरोप लगाया। सुरजेवाला ने यह आरोप जांच एजेंसियों की जांच रिपोर्ट के हवाले से लगाया।
सुरजेवाला ने कहा, 'एक बार फिर भर्तियां, नौकरियां धांधलियों, गड़बड़झालों और घालमेल में फंसी हैं। हरियाणा के युवाओं को अंधकार की गर्त में नायब सैनी की सरकार धकेल रही है।'
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रणदीप सुरजेवाला ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि 'HPSC अब गड़बड़ी, धांधली और घालमेल का अड्डा बन गया है। सबसे ताजा उदाहरण है असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती जो 7 साल के बाद हो रही है। तथाकथित पारदर्शी नौकरी की बात करने वाली बीजेपी सरकार की ढोल की पोल खुल चुकी है। पूरी भर्ती प्रणाली संदेह के घेरे में घिर गई है। 2019 से कॉलेज काडर में असिस्टेंट प्रोफेसर का इंतजार कर रहे लाखों नौजवान के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है।'
उन्होंने कहा कि 'HPSC हरियाणा में अब हेराफेरी सर्विस कमीशन क्यों बन गया है? 23 अक्टूबर 2020 को बीजेपी सरकार ने बीजेपी की सरकार ने बिहार से एक व्यक्ति का आयात किया और उन आलोक वर्मा को चेयरमैन बना दिया, क्योंकि खट्टर सरकार और नायब सैनी मानते हैं कि हरियाणा का कोई व्यक्ति HPSC का चेयरमैन बनने के योग्य नहीं है। उसके एक साल के भीतर ही 17 नवंबर 2021 को HPSC में हरियाणा का सबसे बड़ा अटैची भ्रष्टाचार कांड हुआ। जब HPSC के कार्यालय में सचिव अनिल नागर के दफ्तर में 1 करोड़ 8 लाख की नकदी पकड़ी गई और कुल 3.60 करोड़ पकड़ा गया। यह कथित तौर से डेंटल सर्जन की भर्ती का पैसा था। HPSC की भर्ती प्रक्रिया चलाने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के दो लोग भी गिरफ्तार हुए।'
उन्होंने कहा कि जांच में सामने आया कि सारी भर्ती में अकेले डेंटल सर्जन ही नहीं, बल्कि और भी भर्तियों में फर्जीवाड़ा हुआ।
'पूरा मामला रफा-दफा कर दिया'
सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 'जांच एजेंसी को मिला है कि 5 भर्तियों में सीधे फर्जीवाड़ा था। कमाल की बात यह है कि HPSC के दफ्तर में 1 करोड़ 8 लाख रुपया पकड़ा गया था, उनके सचिव ने अदालत में कहा कि यह सारा पैसा HPSC का था। इन सब बातों के बावजूद भी न तो HPSC के चेयरमैन आलोक वर्मा को तफ्तीश के लिए कभी बुलाया और न HPSC के किसी और व्यक्ति को। पूरा मामला रफा-दफा कर दिया गया। इसी का परिणाम है कि अब HPSC की असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में गड़बड़ी हो गई।'
उन्होंने कहा, साल 2019 के बाद हरियाणा में कॉलेज काडर में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती नहीं हुई। यानी बच्चे बगैर टीचर के पढ़ रहे हैं। 7 साल बीत गए। अगस्त 2024 में 26 सब्जेक्ट्स के 2,424 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद एडवर्टाइज किए गए। 1.50 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया। जैसे ही असिस्टेंट प्रोफेसर की प्रक्रिया शुरू हुई, गड़बड़झाला फिर सामने आ गया।
उन्होंने कहा कि मैंने इल्जाम नहीं लगाया, मैंने यह सारे कागजात पटल पर रख दिए हैं और इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है पेपर में घोटालों का। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब मुख्यमंत्री की शह के बगैर नहीं हो सकता।