सूरत में चल रहे नवरात्रि गरबा कार्यक्रम के दौरान एक बड़ा विवाद हो गया, जिसमें बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं का नाम सामने आया है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई कि मुंबई से बुलाए गए तीन मुस्लिम ढोल वादक इस कार्यक्रम में क्यों शामिल किए गए हैं। इसके चलते कार्यक्रम करीब एक घंटे तक रुका रहा। यह लगातार दूसरा साल है जब इन संगठनों ने सुवर्ण नवरात्रि कार्यक्रम में मुस्लिम कलाकारों की मौजूदगी पर सवाल उठाया है।
बाद में आयोजकों ने माफी मांगी और आश्वासन दिया कि अगले साल मुस्लिम कलाकारों को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके बाद तीनों ड्रमरों को मंच पर प्रस्तुति जारी रखने की अनुमति दी गई। यह आयोजन सूरत के वेसु इलाके में धवल मुनजानी और प्रिंस पटेल ने किया था।
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पुलिस ने सुलझाया मामला
जब विवाद बढ़ा तो मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। बाद में पुलिस अधिकारियों ने शांतिपूर्वक बातचीत के बाद मामला सुलझाया। पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलौत ने कहा कि किसी तरह की गाली-गलौज या मारपीट नहीं हुई है और कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है।
आयोजक धवल मुनजानी ने कहा कि उनकी कंपनी का मुंबई के बैंड के साथ कॉन्ट्रैक्ट है, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों कलाकार शामिल हैं लेकिन आपत्ति के बाद उन्होंने भरोसा दिलाया कि आगे से मुस्लिम कलाकारों को नहीं बुलाया जाएगा।
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बजरंग दल नेता ने दी चेतावनी
बजरंग दल नेता निलेश अकबरी ने कहा कि पिछले साल भी मुस्लिम कलाकार आए थे लेकिन तब उन्हें पहली गलती मानकर छोड़ दिया गया था। इस बार आयोजकों ने फिर ऐसा किया है, इसलिए माफी और आश्वासन लेने के बाद ही उन्हें आगे कार्यक्रम करने दिया गया है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि आयोजनों में न मुस्लिम कलाकारों को शामिल किया जाएगा और न ही उन्हें बाउंसर बनाया जाएगा।